कार लूटकर भागने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, कार व सामान भी बरामद


उमरिया

जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ड्राईवर से मारपीट व कार छीन कर भागने वाले आरोपियों को घटना के 24 घंटे के भीतर ही दबोचा लिया गया है। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि सुबह करीब 10 बजे सोनेलाल यादव निवासी कोयलारी की आर्टिगा कार के चालक दुर्गेश यादव को बदमाशों ने फोन पर कटनी बुकिंग की बात कह कर भरौला सिद्ध बाबा के पास बुला लिया। जहां दो लोग पहले से ही खड़े थे। बताया गया है कि आरोपी तुरंत ही कार मे बैठ गये, तभी इनमे से एक ने चालक के गले पर पेचकस लगा कर जान से मारने की धमकी देते हुए ड्रायविंग सीट से हटा दिया, फिर दूसरा युवक कार चलाने लगा। जोगिन के जंगल मे आरोपियों ने ड्राईवर दुर्गेश के सांथ मारपीट की तथा उसका मोबाइल, पर्स तथा अर्टिगा कार नंबर एमपी 54 सीए 5220 लेकर भाग गये। जिसकी सूचना पर थाना कोतवाली मे अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।

*आदतन अपराधी है आरोपी*

पकड़े गये आरोपियों मे शिवम उर्फ शिब्बू यादव पिता रामरतन 24 निवासी लोढ़ा तथा एक16 साल का अपचारी बालक शामिल है। जिसमे शिब्बू यादव आदतन अपराधी है, जिस पर पहले भी मामले दर्ज हैं। 

छोटा भीम की दहाड़ हुई बंद, शिकार की साजिश मे हुआ था घायल,  इलाज के दौरान हुई मौत


उमरिया 

मानपुर। जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र से रेस्क्यू किये गये मशहूर बाघ छोटा भीम की दहाड़ अब कभी सुनाई नहीं देगी। उसकी गत दिवस राजधानी भोपाल के वन विहार मे इलाज के दौरान मौत हो गई है। बाघ की मृत्यु हृदयगति रूक जाने के कारण होना बताई गई है। गौरतलब है कि बीते नवंबर महीने मे बाघ घायल अवस्था मे देखा गया था। जिसकी जानकारी पर्यटकों से मिलने पर काफी मशक्कत के बाद खितौली रेंज अंतर्गत सलखनिया के जंगल मे उसका रेस्क्यू किया गया था। बाघ की हालत को देखते हुए प्रबंधन ने कोई जोखिम लेने की बजाय इलाज के लिये 30 नवंबर 2024 को उसे वनविहार भोपाल भेज दिया गया। जानकारों का मानना है कि छोटा भीम शिकार के लिये लगाये गये किसी फंदे मे फंस गया था। इस दौरान वह खुद को छुड़ाने मे तो सफल हो गया परंतु इस चक्कर मे फंदे की तार ने उसके गले मे गहरा जख्म कर दिया था। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि पीएम उपरांत बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस खबर से जिले के पर्यावरण प्रेमियों मे निराशा व्याप्त है।

*सडक़ पर होती थी मुलाकात*

गौरतलब है कि अपने मजबूत कद-काठी और शांत स्वभाव के कारण छोटा भीम पर्यटकों मे काफी लोकप्रिय था। चकरधरा की पहाड़ी तथा महामन से लेकर खितौली के पास मेन रोड पर लोगों से इसकी अक्सर भेंट हो जाती थी। जिसे देखते ही लोग अपने वाहन खड़ा कर देते थे। इस दौरान चार्जर बाघ की तरह छोटा भीम भी काफी देर तक बड़े आराम से अपना जलवा बिखेरता रहता।

ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक का खुला भ्रष्टाचार, पंचायत विभाग की चुप्पी से ग्रामीणों में आक्रोश


अनूपपुर

ग्राम पंचायत सकोला में रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की नई मिसाल कायम की है। गरीबों के हक पर डाका डालकर योजनाओं को केवल अपनी जेब भरने का जरिया बना लिया गया है। इस घोटाले के खिलाफ राजेश साहू ने जनपद पंचायत सीईओ के पास शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पंचायत विभाग की चुप्पी ने इस भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दिया है। रमेश कुमार विश्वकर्मा ने आवास योजना और मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं को ध्वस्त कर दिया है। एक ही समग्र आईडी पर दो आवास स्वीकृत कर एक का पैसा हड़प लेना, मेटों को योजनाओं का लाभ देकर गरीबों को वंचित करना, और तालाब निर्माण में साइन बोर्ड न लगाकर पारदर्शिता का मजाक उड़ाना, यह साबित करता है कि रोजगार सहायक को गरीबों की जरूरतों से कोई सरोकार नहीं है।

रोजगार सहायक ने हाई स्कूल बाउंड्रीवाल के निर्माण में फर्जी बिलिंग कर सरकारी धन का गबन किया। योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता की अनदेखी और गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करना उसकी कार्यशैली बन गई है। यह व्यक्ति न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहा है, बल्कि सरकारी व्यवस्था की छवि भी खराब कर रहा है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद पंचायत विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग की यह निष्क्रियता यह संकेत देती है कि या तो वह इस भ्रष्टाचार में शामिल है या फिर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। पंचायत विभाग की इस लापरवाही ने रोजगार सहायक जैसे भ्रष्ट लोगों को और साहस दिया है।

ग्रामवासियों का कहना है कि रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा ने गरीबों के अधिकारों को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ग्रामीणों ने पंचायत विभाग को चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पंचायत विभाग की चुप्पी ने यह साबित कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार का मूक समर्थक बन चुका है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि रोजगार सहायक और पंचायत विभाग की गहन जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ग्रामीण इस मामले को राज्य स्तर तक ले जाने की तैयारी कर चुके हैं।

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