रेत का अवैध खनन रोकने गए वनरक्षक से गाली-गलौज व हमले का प्रयास, वाहन पर डंडे से हमला


अनूपपुर

अवैध रेत खनन रोकने गए वनरक्षक पर खनन माफिया ने हमला कर दिया। जब्त वाहन छीनने का प्रयास किया। हमले में वनरक्षक का हेलमेट टूट गया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।अनूपपुर जिले में वनरक्षक से गाली-गलौज और हमला करने का मामला सामने आया है। जब वनरक्षक अवैध रेत खनन रोकने पहुंचा तो उसकी गाड़ी रोककर डंडे से हमला किया गया। इससे वनरक्षक का हेलमेट टूट गया। मामले की शिकायत बिजुरी थाने में की गई है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।

बता दें कि अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्र बिजुरी अंतर्गत वन भूमि क्षेत्र से रेत के अवैध उत्खनन तथा परिवहन करने की शिकायत मिली थी। वनरक्षक ने ट्रैक्टर जब्त करने की कार्रवाई और जब्त वाहन वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी लाया जा रहा था, तभी वाहन मालिक सहित उसके साथियों ने ट्रैक्टर रोक लिया। पहले तो वनरक्षक से गाली-गलौज की और ट्रैक्टर छुड़ाने का प्रयास किया। जब वनरक्षक ने ऐसा होने से रोकने का प्रयास किया तो डंडे से उसके हेलमेट पर जोरदार हमला कर दिया। इससे हेलमेट टूट गया। 

*क्या है मामला*

वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी अंतर्गत भेडरी तलैया में पदस्थ वनरक्षक करण सिंह परस्ते पिता धनुषधारी सिंह (33) को 3 फरवरी को वन परिक्षेत्र बिजुरी अंतर्गत वन भूमि क्षेत्र से भेडरी तलैया में रेत के अवैध उत्खनन तथा परिवहन करने की शिकायत मिली थी। वहां पहुंचकर देखा तो मोहन केवट अपने नीले रंग के ट्रैक्टर-ट्रॉली में रेत  लोड कर रहा था। वनरक्षक करण सिंह ने कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर जब्त कर लिया। वनरक्षक ट्रैक्टर को भेडरी तलैया से वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी ले जाने लगे। तभी वाहन मालिक मोहन केवट, परमेश्वर सिंह तथा प्रीतम सिंह ने ट्रैक्टर के सामने आकर ट्रैक्टर अड़ाकर रोक लिया। मोहन केवट ने वनरक्षक के साथ गाली गलौज शुरू कर दी। सड़क से उठाकर एक डंडा वनरक्षक करण सिंह परस्ते के सिर पर मार दिया। हेलमेट होने की वजह से हेलमेट टूट गया। इस पर सहयोगी लोकेंद्र सिंह मरावी ने बीच बचाव किया। इसके बाद तीनों मौके से भाग खड़े हुए।

वनरक्षक करण सिंह परस्ते ने बिजुरी थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मोहन केवट परमेश्वर सिंह तथा प्रीतम सिंह तीनों निवासी ग्राम चपानी के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया है।

सोन नदी में शरद कर रहा हैं रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन, शासन को लगा रहा है लाखो का चूना 


अनूपपुर

जिले में इन दिनों अवैध रेत का उत्खनन व परिवहन चर्चा का विषय बना हुआ है। जिले में चारो चारो तरफ रेत माफियाओ के हौसले बुलंद हैं। ऐसा लगता हैं कि रेत माफिया की शासन प्रशासन को अपने जेब में रखकर चल रहा है। न पुलिस प्रशासन न खनिज विभाग का डर दिन दहाड़े खुलेआम अवैध रेत चोरी की जा रही हैं। जिससे शासन को प्रतिदिन लाखो का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। ग्राम पंचायत पडौर के एक  दर्जन से अधिक ग्रामीणों शिवसेवक केवट, पुरुषोत्तम बाल सिंह, बालकारण आदि ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सोन नदी से रेत अवैध तरीके से उठाकर  डिप्टी रेंजर बीड गार्ड के सह पर शरद नाम के व्यक्ति के द्वारा आस पास के गांव में रेत अवैध विक्रय कर रहा है। गांव  के ग्रामीणों ने सीधे आरोप लगाते हुए बताया हैं कि एक बैल गाड़ी से रेत ले जाने पर वन वीड गार्ड 500 रुपए लेता है। वही रेत ठेकेदार बिना कागज के ट्रैक्टर से एक माह में जितना रेत ले जाओ 50 हजार लगेगा बोलता हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले का रेत ठेकेदार रेत का ठेका सरेंडर कर दिया है। अगर ठेका सरेंडर कर दिया है तो शहर में हजारों गाड़ी रेत कहा से खप रही हैं यह समझ से परे है। कोई शरद नाम का व्यक्ति पूरे जिले का रेत का काम अपने गुर्गों लठैतों के दम पर चला रहा है। कुछ शासन के कर्मचारियों के दम पर रात के अंधेरे में बिना टीपी के गाड़ी निकलवाता हैं वह रेत शहड़ोल जिले के धनपुरी, बुढ़ार, खैरहा तक जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि अपने लीज से बाहर जाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। मगर प्रशासन कोई भी कार्यवाही नही कर पा रही हैं।

समिति के पूर्व धान खरीदी प्रभारी एवं वर्तमान धान खरीदी प्रभारी पर मामला दर्ज

*उपार्जन केन्द्र दारसागर में 58 टन शासकीय धान गायब होने का मामला* 


अनूपपुर

धान उपार्जन समाप्ति के दो दिन बाद उपार्जन केन्द्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मलगा में पूर्व खरीदी प्रभारी संतोष जोशी एवं वर्तमान खरीदी प्रभारी राधेश्याम केवट द्वारा मिलीभगत करते हुए शासकीय योजनाओं का अवैधानिक लाभ कमाने के उद्देश्य से शासन के साथ धोखाधड़ी करते हुए 292 बोरी धान वजन 116.80 क्विंटल विक्रय करते पाये जाने पर कलेक्टर के निर्देशन में 3 जनवरी को भालूमाड़ा थाना में पूर्व खरीदी प्रभारी एवं विक्रेता पयारी क्रमांक 2 संतोष जोशी एवं वर्तमान खरीदी प्रभारी वा विक्रेता आमाडांड राधेश्याम केवट पिता बैजनाथ केवट के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है। 

*यह है मामला*

रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मलगा का खरीदी केन्द्र बनाया गया था, जहां 21 जनवरी को केन्द्र प्रभारी राधेश्याम केवट एवं पूर्व केन्द्र प्रभारी संतोष जोशी द्वारा खरीदी समाप्त होने के दो दिन बाद बिना धान खरीदी किये किसानो के नाम पर फर्जी इंट्री कर खरीदी चढ़ाई गई थी। इस बीच धान में आई शॉर्टेज को पूरा करने 21 जनवरी को ही व्यापारियों से पिकअप क्रमांक जेएच 03 एके 7573 से दो ट्रिप में 292 बोरी धान खरीदी केन्द्र मलगा समिति में उतारते हुए अवैध खरीदी की जा रही थी। जिसकी सूचना कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से किए जाने पर उन्होने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सीमा सिन्हा, अभिषेक उपाध्याय सहित सहकारिता निरीक्षक अनुज ओहदार को मौके पर भेजा गया। जहां मौके पर 292 बारियों में धान वजन 118.26 क्विंटल मिला। जिसके बाद मलगा समिति के वर्तमान केन्द्र प्रभारी राधेश्याम केवट, कम्प्यूटर ऑपरेटर राम विशाल केवट, रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस के गोदाम प्रभारी दिव्य विजय मिश्रा का बयान दर्ज करते हुए पंचनामा बनाते हुए उक्त धान को जब्त करते हुए प्रकरण तैयार कर कलेक्टर न्यायालय में पेश किया गया था। 

*58 टन धान गायब*

खाद्य निरीक्षको की जांच के दौरान पाया कि समिति मलगा द्वारा ई- उपार्जन के पोर्टल पर मलगा समिति की ऑनलाईन रिपोर्ट में खरीदी गए अनाज की कुल मात्रा 20579.20 क्विंटल, 19901.60 क्विंटल धान भंडारण केन्द्र को दिए जाने तथा शेष 677.60 क्विंटल धान  प्रदर्शित हो रही थी, जबकि एमपीडब्ल्यूएलसी कोतमा एवं गोदाम प्रभारी दारसागर ने बताया कि धान खरीदी के विरूद्ध उक्त गोदाम में भंडारित धान के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुार समिति मलगा द्वारा 49989 बोरी वजन 19995.60 क्विंटल धान भंडारित करवाया गया जिसमें 19901.60 क्विंटल धान का हैंडलिग चालान प्राप्त होने था 235 बोरी वजन 94 क्विंटल का हैंडलिंग चालान अप्राप्त होना बताया गया। जहां कुल 583.60 क्विंटल धान कम पाया गया तथा धान उपार्जन के दौरान भौतिक रूप से धान की खरीदी किए बगैर केन्द्र प्रभारी द्वारा अवैध व फर्जी धान खरीदी की एंट्री कृषकों के पंजीयन में अनैतिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से अनियमितता की गई थी।

 *फर्जी खरीदी का मामला*

शासन की समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन नीति जिसके अनुसार प्रदेश के कृषकों को उनकी धान की फसल का उचित लाभ प्रदान करने के लिए योजना संचालित है, पूर्व धान खरीदी प्रभारी संतोष जोशी एवं वर्तमान खरीदी केन्द्र प्रभारी राधेश्याम केवट द्वारा षड्यंत्र पूर्वक साजिश करते हुए भौतिक रूप से केन्द्र पर धान नही लाया गया और खरीदी ऑनलाईन दर्ज कर ली गई तथा धान खरीदी की तिथि समाप्त हो जाने पर धान नही लाया गया अैर खरीदी ऑनलाईन दर्ज कर ली गई थी। जहां स्टॉक कम होने पर दोनो ने अवैधानिक तरीके स बाजार की धान को शासकीय योजना का अवैधानिक लाभ कमाने के उद्देश्य से शासन के साथ धोखाधड़ी कर विक्रय करना पाया गया था।

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