आपसी रंजिश को लेकर दो पक्षो में जमकर मारपीट, पुलिस की किया मामला दर्ज


अनूपपुर/बिजुरी

अनूपपुर जिले के बिजुरी में पड़ोसियों में आपसी रंजिश की वजह से दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 09 गलैया टोला में हुए विवाद में गंभीर चोट आने पर घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी में भर्ती कराया है। जहां बिजुरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि बिजुरी के गलैया टोला में रहने वाली सत्तू बाई कोल, रनिया बाई, रानू, द्रौपदी, अर्जुन और दूसरे पक्ष से उर्मिला केवट, सुमन एवं शीतल केवट के बीच पुरानी रंजिश को लेकर के काफी दिनों से विवाद चल रहा था। एक बार फिर किसी बात को लेकर पड़ोसियों में कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते यह झगड़ा मारपीट में बदल गया। इसमें दोनों पक्षों की महिला और पुरुषों में मारपीट हो गई। इसमें रनिया बाई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मारपीट की वजह से महिला का हाथ टूट गया है। सत्तू बाई कोल, रानू, द्रौपदी, अर्जुन व दूसरे पक्ष की उर्मिला केवट, सुमन एवं शीतल केवट को भी सिर व हाथ में चोट आई है। पुलिस ने सभी घायलों को बिजुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। रनिया बाई को जिला अस्पताल रेफर किया है।

इस मामले में दोनों पक्ष के द्वारा बिजुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें रनिया बाई की ओर से की गई शिकायत के आधार पर उर्मिला केवट सुमन केवट तथा शीतल केवट के विरूद्ध धारा 452, 506, 34, 294, 323 तथा एसटी-एससी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरे पक्ष की उर्मिला सुमन तथा शीतल की शिकायत पर सूरज बसर तथा बशीर के विरूद्ध धारा 323, 294, 506 बी का अपराध दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

रेलवे यार्ड में मिला अज्ञात महिला का संदिग्ध अवस्था मे शव, शरीर मे चोट के निशान, हत्या की आशंका 


शहड़ोल

शहडोल के रेलवे यार्ड में अज्ञात महिला का संदिग्ध अवस्था में शव मिला है। महिला के गर्दन में गंभीर चोट के निशान हैं। पुलिस हत्या की आशंका जता रही है। वहां से गुजर रहे लोगों ने शव देख मामले की खबर कोतवाली पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी का कहना है कि रेलवे यार्ड में महिला का संदिग्ध अवस्था में शव देख लोगों ने मामले की जानकारी दी थी। जानकारी लगते ही डॉग एस्कॉर्ट के साथ कोतवाली टीम मौके पर पहुंची। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही एडीजी-डीसी सागर डीआईजी एवं पुलिस कप्तान कुमार प्रतीक घटना स्थल पहुंचे हैं और मौके का जायजा लिए। वहीं, कोतवाली पुलिस अज्ञात महिला की पहचान करने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि महिला के गर्दन में धारदार हथियार से वार कर उसकी हत्या कर दी गई और शव को यार्ड में फेंक दिया है।कोतवाली पुलिस ने मामले पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी का कहना है कि अज्ञात महिला की पहचान की जा रही है, पहचान होते ही आरोपी की गिरफ्तारी भी की जाएगी।

*घटनास्थल पहुंचे एडीजी ने की इनाम की घोषणा*

एडीजी डीसी सागर के द्वारा घटनास्थल पहुंच मौके का जायजा लिया। महिला की हत्या मामले पर कोतवाली थाना प्रभारी सहित कोतवाली टीम को जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिए है। साथ ही साथ आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु एडीजी ने 30 हजार का नकद इनाम की घोषणा भी कर दी है।

आजादी के 75 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं राज्यमंत्री के नगर की जनता

*जनप्रतिनिधि मौन क्या यही है भाजपा का विकास, कब पूरी होगी जनता की उम्मीदें*


अनूपपुर/बिजुरी

अनूपपुर जिले की सबसे धनी नगरपालिका परिषद बिजुरी के वार्ड नम्बर सात के बरघाट जहाँ आज भी आदिवासी परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित मूलभूत सुविधाओं के लिये दर दर भटकने को मजबूर बूंद बूंद पानी के लिये करीब दो किलो मीटर दूर जाने को मजबूर बिजली सड़क जैसी सारी सुविधाओं से वंचित।

बिजुरी के वार्ड नम्बर सात बरघाट कुडाकु मोहल्ले में आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क पानी बिजली नाली सभी सुविधाओं से वंचित रहने को मजबूर जबकि बरघाट में आदिवासी करीब 100 से 150 लोगो का परिवार इस मोहल्ले पर जीवन यापन करने को मजबूर है यहां के लोगो को पानी के लिए करीब दो किलो मीटर दूर जाना पड़ता है साथ ही जाने के लिये सड़क भी नही है न ही बिजली देखने को मिलती है।आखिर इन आदिवासियों का कौन करेगा विकास जबकि ये नगर पालिका क्षेत्र में आता है उसके बावजूद विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है।

सड़क न होने के कारण छोटे छोटे बच्चों को स्कूल जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो हमारे कल का भविष्य है उसके बाद भी इन लोगो को मूलभूत सुविधाओं के लिये दर दर भटकना पड़ता है। वही बरसात के मौसम में कीचड़ होने के कारण स्कूल भी नही जा पाते क्योंकि उसे बस्ती से करीब 2 से 3 किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता है। और आने जाने के लिये कोई भी सड़क न है और पकडण्डी रास्तो में कीचड़ हो जाता है जिससे बच्चे स्कूल नही जाते है। अब कैसा होगा कल का भविष्य।

गर्भवती महिलाओं प्रसव का जब समय आता है या फिर गंभीर बीमारी के वक्त यह के लोगो को खाट का सहारा लेना पड़ता है अब आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह के लोगो सुविधाओं से वंचित रहने को मजबूर जबकि एक तरफ जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़े-बड़े विकास के वादे किये जाते हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है अब दिखने वाली बात यह है कि आखिर कब तक विकास देखने को मिलेगा या फिर इसी प्रकार से बरघाट के लोगो के रहना पड़ेगा।

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