थाना क्षेत्र में बढ़ रहे अपराध की मूल्यवान गाड़ी चोरी, पुलिस अपराध मे अंकुश लगाने में असफल


अनूपपुर

थाना भालूमाड़ा मे  भारतीय दंड संहिता 1860 के धारा   379 के तहत  मामला  दर्ज किया गया है। फरियादी शिवमंगल सिंह,  पिता शिवराज उम्र63, ने बताया कि दिनांक 14  जनवरी 2024  को रात 9 बजे  मै टीव्हीएक्स एल सुपर एम. पी 18  एम. ए 6985 से चैनू रैदास (पार्षद) के घर गया था   कुछ समय बाद जब मैं बाहर निकाल तो किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरे गाड़ी को चुरा लिया गया था जिसकी कीमत लगभग 9 हजार था। वर्तमान की स्थिति में अपराध और चोरी घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई है आए दिन रेता चोरी और जुआ   का कारोबार फल फूल रहा है और कबाड़ वाला भी चमक रहे  है। इन सभी घटनाओं से लग रहा है पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में असफल रही है आने वाले समय में देखना होगा की   पुलिस अपराध में अंकुश लगा पाती है  या  अपराध फलते फूलते रहेंगे।

नदी का अस्तित्व खतरे में, रेत माफिया खुलेआम कर रहे हैं रेत का अवैध उत्खनन

*शासन व रेत ठेकेदार को लग रहा है लाखो का चूना, जिम्मेदार विभाग मौन*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले के कोतमा क्षेत्र की नदियों का दोहन कोई नया काम नहीं है यह लंबे समय से चलता आ रहा है जब जिसका मन चाहता है वह अपनी गाड़ी लेकर आ जाता है और नदी को खोद कर वहां से रेत उठाकर लेकर चल देता है।ऐसे ही एक मामले में कोतमा क्षेत्र अंतर्गत देवगवा जमुनिहा ग्राम पंचायत क्षेत्र में बहने वाले जोगी नाला से रोज 20 से 30 ट्रेक्टर अवैध रेत क्षेत्रीय माफियाओं द्वारा आसपास के क्षेत्र वा ग्राम पंचायतों में बेचा जा रहा है।अनूपपुर जिला प्राकृतिक संपदा से भरपूर धरती है,जहां धूल,मिट्टी,रेत,गिट्टी से लेकर के काला सोना तक यहां की धरती और नदियां उगलती हैं,लेकिन जिले के प्रशासनिक अधिकारियो ने इस प्राकृतिक संपदा को कभी भी गंभीरतापूर्वक आजतक ध्यान में नहीं लिया।

*जोगीनाला बना रेत माफियाओं का अड्डा*

यहां नदियों के आखिरी अस्तित्व पर हमला कुछ तथाकथित रेत माफिया करने में लग गए हैं और इसका शिकार देवगवा पंचायत अंतर्गत बहने वाला जोगीनाला बन चुका है।सूत्रों के अनुसार सुनहरे रेत की चाह में शुभम, भोलू, रमेश, सुरेश, छोटू, ओपी नामक रेत चोरों के अलावा कुछ और बड़े रेत माफियाओं का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। जोगीनाला के आसपास के क्षेत्र में रेत माफियाओं का एक बड़ा समूह काम कर रहा है और उनकी इस अनैतिक सक्रियता से जोगीनाला और आसपास के नालों और नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।प्रतिदिन 20-30 ट्रैक्टर  अवैध रेत का उत्खनन किया जा रहा है,लेकिन इसके बावजूद भी खनिज,राजस्व और पुलिस विभाग इस पर जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।अब सवाल यह है कि क्षेत्र की अस्मिता कैसे बचेगी और यहां के नदी और नाले जिंदा रह पाएंगे या नहीं।

*अवैध उत्खनन पर मिलीभगत का आरोप*

जोगीनाला से प्रतिदिन 20-30 ट्रैक्टर अवैध रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है।और जब वहां के स्थानीय लोगो द्वारा ट्रैक्टर चालकों और इन रेत माफियाओं को ऐसा करने से मना किया जाता है तो उन्हें देख लेने की धमकी देते हुए अवैध रेत उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से किया जाता है। क्षेत्रवासियों के मुताबिक प्रशासन की मिली भगत से ही अवैध रेत उत्खननकर्ताओं के हौंसले बुलंद होने से वो ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं। जबकि जोगीनाला से रेत का अवैध उत्खनन अपने चरम पर है इस अनैतिक कार्य से शासन व रेत ठेकेदाए को प्रतिदिन लाखों रूपये के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है,परंतु प्रशासन के अफसरान इस हानि को रोकने में अक्षम साबित हो रहे हैं। रेत माफियाओं पर लगाम लगाने की ताकत खनिज अफसरों में दिखाई नहीं दे रही है,जिससे यहां के नदी नाले खोखले होते जा रहे है।

*आदेश से बेपरवाह जिम्मेदार*

जमुना कोतमा क्षेत्र में लगातार बढ़ रही अपराधिक घटनाओं सट्टा, जुआ,अवैध रेत उत्खनन, चोरी, लूटपाट, ठगी के कारण आम जनमानस का पुलिस पर से लगातार ही विश्वास घटता जा रहा है।और हालत यह है कि संभाग में कुछ दिनों पूर्व अवैध रेत के मामले में ही रेत माफियाओं द्वारा पटवारी की जघन्य हत्या के बाद मामले को संज्ञान में लेकर एडीजीपी द्वारा इन घटनाओं पर रोक लगाने हेतु समस्त पुलिस अधीक्षकों तथा थाना प्रभारियों को निर्देशित किए जाने के बाद भी ऐसा प्रतीत होता है कि कोतमा और भालूमाड़ा थाना प्रभारी ने तो एडीजीपी के आदेश को भी दरकिनार कर दिया हैं।यही कारण है कि क्षेत्र के रेत माफिया और जुआरी निर्भीक होकर अपने अवैध कारोबार में लगे हुए है।एडीजीपी के सख्त निर्देश के बाद भी क्षेत्र में संचालित इतने गंभीर मामलों में भी इन दोनों थाना प्रभारियों के द्वारा कार्रवाई ना किया जाना क्षेत्र की पुलिसिया व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़ा करती है।

उपयंत्री संध्या शुक्ला व ठेकेदार सिल्लू एवं सरपंच पति भृष्टाचार की लिख रहे नया इबारत

*पंचायत में पुलिया निर्माण के नाम पर भृष्टाचार, शिकायत के बावजूद भी नही हो रही कार्यवाही*


अनूपपुर

ग्राम पंचायत चुकान में हो रहे भृष्टाचार की शिकायत ग्रामीणों ने की है उपयंत्री शुक्ला जिस भी पंचायत में रहते है उनके अपने ठेकेदार साथ चलते है और यही कुछ हाल इन दिनों ग्राम पंचायत चुकान  का है जहां पुलिया निर्माण में भृष्टाचार को अंजाम दिया गया और ठेकेदार सिल्लू द्वारा इस आरसीसी पुलिया निर्माण में चोरी की रेत सप्लाई की गई और चोरी के रेत से पुलिया के निर्माण भी किया गया जा रहा है ठेकेदार से गांव वाले ने लागातर रॉयल्टी पर्ची की मांग की गई पर उनके पास जब रॉयल्टी पर्ची होगी तब तो दीया जाए,पंचायत ठेकेदारों में सिल्लू एक ऐसा नाम है जो इस तरह के भृष्टाचार में पंचायत सरपंच सचिव के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलता है,ग्राम पंचायत चुकान में आरसीसी पुलिया निर्माण बांकी नाला बांध के पास पांचवा राज्य वित्त आयोग से लगभग 15 लाख की लागत से  स्वीकृत हुई थी मिली जानकारी के मुताबिक इस पुलिया में जेसीबी लगा कर गड्ढे की खुदाई कर चोरी छुपे निर्माण कार्य शुरू किया गया शिकायत मे इस बात का उल्लेख भी किया गया कि उप यंत्री ठेकेदार सरपंच पति के द्वारा जो सरिया का स्तेमाल किया गया वो भी  प्राक्कलन के विपरीत 8 एम एम एवं 10 एम एम का सरिया लगाया गया हैं।

गांव वालों ने बताया कि यह जो गुणवत्ता बिहीन बांधा बगल से पुलिया का निर्माण भ्रष्टाचारी उप यंत्री ठेकेदार सरपंच पति के द्वारा बनवाया जा रहा है  वह वह मुख्य मार्ग है जो भाद चुकान को जोड़ता है जिससे 16 किलोमीटर घूम कर नहीं जाना पड़ेगा पर मुताबिक की विपरीत पतली सरिया लगाकर भ्रष्टाचार का नेवता परोस रहे हैं, दूसरी तरफ घटिया सीमेंट और चोरी का रेत खरीद कर पुलिया निर्माण कराया जा रहा, ग्रामीणों का आरोप है कि जिस जगह पर पुलिया की उयोगिता दो गांव को जोड़ने के लिए बहुत ही हम है  वहां महज पुलिया के निर्माण पर पंचायत के पैसों को सरपंच उप यंत्री और ठेकेदार आपस में बंदर बांट करने में तुले हुए हैं।  इसके पहले भी अप यांत्रिक संध्या शुक्ला के द्वारा सरकारी जमीन की वजह पट्टी के जमीन में पुलिया निर्माण कराया गया है जिसका कोई उपयोग नहीं जहां पर पुलिया बनाना था वहां न बनाकर एक ठाकुर साहब के जमीन पर बना दिया गया भ्रष्टाचार का लिपा पोती करते हुए उप यांत्रि ठेकेदार आपस में पैसों का बंदर बांट कर लिया वही बांकी नाला में 2 साल पहले संध्या शुक्ला के द्वारा ठेकेदार के साथ मिलकर 50 50 मीटर के अंतराल में गुणवत्ता विहीन प्राक्कलन की विपरीत लगभग 16 -16 लाख का तीन स्टाफ डेम का निर्माण कराया गया, एक स्टाफ डेम तो सरकारी जमीन के वजह पट्टे की जमीन पर बनवाया गया  जिस पर सीएम हेल्पलाइन भूस्वामी के द्वारा लगाया गया पर आपस में बैठ चडोत्री रखकर 181बंद करा दिया गया। 

गुणवत्ता विहीन संध्या शुक्ला के द्वारा बनाए गए पुलिया और स्टाफ डेम के संबंध में कुछ समाजसेविक जनप्रतिनिधि के द्वारा भी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किया गया, साथ ही सबसे दुर्भाग्य जनक तो यह है कि शिकायत करने के बावजूद कोई भी जिम्मेदार इस पुलिया और स्टाफ डेम को देखने नही पहुंचा नतीजतन उप यंत्री ठेकेदार ने आनन फानन पुलिया पर मिट्टी डाल कर कार्य को पूर्णं करने मे लगे हुए हैं, *अब सवाल यह उठता है कि जब निर्माण कार्य चल रहा था तो दूरभाष शिकायत के बाद भी इंजीनियर और जनपद सीईओ और एसडीओ बांकी के जिम्मेदार कहाँ सोये थे।

इस पूरे मामले में हमने पंचायत की इंजिनियर महत्वाकांक्षी से बात करना चाहा तो नंबर को ब्लॉक कर दिया गया पाया गया इसके बाद जिला वा जनपद सीईओ से बात करना चाहा तो  जिला सीईओ के द्वारा कहा गया लिखित रूप से शिकायत करिए मैं कार्यवाही करूंगा पर वही जनपद सीईओ को जब अवगत कराया गया गुणवत्ता विहीन पुलिया निर्माण के संबंध में मैडम जी के द्वारा कहा गया की मैं पुलिया निर्माण कार्य को बंद करवा दी हूं  वहां कोई काम अब नहीं चलेगा पर अभी भी भ्रष्टाचार का लेप लगाते हुए पुलिया निर्माण का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीईओ व उपन्यत्री की महत्वाकांक्षी  अपनी पांच से दस प्रतिशत महत्वाकांक्षा है जो सचिव सरपंच पति और ठेकेदार महोदय द्वारा प्राक्कलन की विपरीत गुणवत्ता विहीन कार्य को पूर्ण की जाती है अब आप सोचिये 15 लाख की पुलिया में उपयंत्री का पांच प्रतिशत,एपीओ,सीईओ,

एसडीओ सभी का कमीशन फिक्स है फिर भला पुलिया की गुणवत्ता से किसी को क्या लेना देना और इसके बाद सरपंच, उपसरपंच,सचिव सब का अपना पेट है और ठेकेदार साहब तो है ही अवैध रेता पावर सरिया गिट्टी सीमेंट और परिवहन कर सामग्री सप्लाई की है तो उनका भुगतान भी लाजमी है, अब सवाल यह उठता है कि एक पुलिया में जब इतना कमीशन निकलेगा तो उसका निर्माण कैसा होगा अंदाजा लगाया जा सकता है, उप यंत्री ठेकेदार सरपंच पति का नाम किसी से छुपा नही है ये उन  फेहरिस्त में एक नाम है जो अपना ठेकेदारी और भृष्टाचार का सिस्टम साथ ले कर चलते है और इनको एक नही कई पंचायतों का प्रभार एक साथ महज इसलिए चाहिए होता है कि भृष्टाचार करने की कोई सीमा तय न हो 

अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ तन्यम वसिष्ट शर्मा क्या कदम उठाते है हम अगले एपिसोड में भ्रष्टाचारी उप यंत्री और ठेकेदार सिल्लू की कारगुजारियों का भंडाफोड़ करेंगे भ्रष्टाचारी उप यंत्री और ठेकेदार जिन-जिन ग्राम पंचायत में काम किया है वहां भ्रष्टाचार का नई कहानी ही लिखते आ रहें है जो जांच का विषय है। भ्रष्टाचारी उप यंत्री संध्या शुक्ला और ठेकेदार सल्लू जोशी के द्वारा जितनी भी पंचायतों में विकास कर हुई है उन सब का जांच हो तथा जो रेत की सप्लाई की है उन सभी का भी एक साथ जांच।की जानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

*इनका कहना है*

लिखित शिकायत मुझे करे मैं इस मामले की जांच करुंगा।

*तन्मय वशिष्ठ शर्मा, जिला पंचायत सीईओ अनूपपुर*

 एक-दो दिन में स्वयं कार्यस्थल पर जाऊंगी जैसे मुझे शिकायत मिली है मैं काम को बंद करवा दी हूं अभी वहां काम नहीं होंगे।

उषा किरण गगुप्ता सीईओ जनपद अनूपपुर*

अभी मैं वहां नहीं हूं छुट्टी पर हूं।

*अभिषेक श्रीवास्तव एसडीओ जनपद अनूपपुर*

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