लेख - एकता। 

एकता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्य है, जिसका अर्थ है सभी के बीच सामंजस्य और समरसता 


एकता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्य है, जिसका अर्थ है सभी के बीच सामंजस्य और समरसता की स्थिति। यह विभिन्न व्यक्तियों, समुदायों और संस्थाओं के बीच सामंजस्य, भाईचारे, और समरसता का अनुभव करने का अनुभव है। एकता सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता को सम्मिलित करती है और विभिन्न समुदायों के बीच एक संतुलित वातावरण सृजित करती है।

एकता का महत्व समझने के लिए, हमें समझने की आवश्यकता है कि हम एक विविध समाज में रहते हैं, जिसमें विभिन्न धर्म, भाषा, जाति, भूमि और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं। यह विविधता हमारे समाज की सबसे मूलभूत विशेषता है, और इसे समृद्धि और विकास का स्रोत बनाना चाहिए, न कि असमंजस और विघटन का कारण।

एकता के माध्यम से हम समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और संघर्षों को सुलझा सकते हैं। जब हम सभी मिलकर एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं, तो समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है। समरसता और एकात्मता के साथ ही हम समाज में सभी के विकास को सुनिश्चित कर सकते हैं, किसी व्यक्ति या समुदाय को पीछे छोड़े बिना।

एकता का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर भी होता है। राष्ट्रीय एकता राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब हम सभी एक-दूसरे के साथ समझदारी और समरसता से रहते हैं, तो हम राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए एक मिशन के रूप में काम करते हैं।

एकता और सद्भावना के बिना कोई समाज समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता। यह हमारे समाज में सद्भावना, समरसता, और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इससे हमारे समाज में संघर्षों की कमी होती है और हम सभी एक-दूसरे के साथ समृद्धि और सम्मान के साथ रहते हैं।

समाप्ति में, एकता और समरसता हमारे समाज की नींव हैं। इसे समझकर हम समाज में सद्भावना और समृद्धि के माहौल को बढ़ा सकते हैं। यह सभी की जिम्मेदारी है और हम सभी को इसे मिलकर प्राप्त करना है। 

लेखक - अनुराग उपाध्याय।

जहर खाने एवं अज्ञात कारण से जिला चिकित्सालय में दो की मौत, पुलिस ड्यूटी जांच में


अनूपपुर

जिला चिकित्सालय अनूपपुर में दो व्यक्तियों की मौत होने पर ड्यूटी डॉक्टर की सूचना अनुसार अस्पताल पुलिस चौकी द्वारा मृतकों की परिजनों की उपस्थिति में पंचनामा एवं पी एम की कार्रवाई कर मामले की डायरी संबंधित थानों को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी है। इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार जैतहरी थाना अंतर्गत सिवनी ग्राम निवासी 38 वर्षीय प्रीतम पिता स्व. बैजनाथ राठौर ने अज्ञात कारणो से 20 दिसंबर को घर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था जिसे परिजनों द्वारा उपचार हेतु जैतहरी ले जाने पर प्राथमिक उपचार बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ड्यूटी डॉक्टर द्वारा जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर किया गया यहा उपचार दौरान प्रीतम की मौत हो गई, वहीं दूसरा मामला अमलाई थाना अंतर्गत ग्राम रामपुर में स्थित रामपुर-बटुरा कोयला खदान का है जहां महामाया कंपनी बुढार के ट्रक में विगत 3 माह से चालक के रूप में कार्य कर रहे 45 वर्षीय रवि सोनकर पिता बाबूलाल सोनकर जो वार्ड नंबर 08 बिजुरी नगर के निवासी हैं 21 दिसंबर की रात ट्रक से कोयला लेने हेतु रामपुर खदान पहुचा जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर अन्य ट्रक के साथियों द्वारा उपचार हेतु जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया जहां परीक्षण दौरान ड्यूटी डॉक्टर ने पूर्व से मृत होना बताते हुए घटना की जानकारी जिला अस्पताल पुलिस चौकी अनूपपुर को प्रदाय किये जाने पर पुलिस द्वारा दोनों दिन दोनों मृतको के परिजनों की उपस्थिति में मृतको के शव का पंचनामा कर ड्यूटी डॉक्टर से पी एम कराने बाद मृतको के शव का अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप कर घटना की डायरी संबंधित थानों में अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित की।

10 हजार की रिश्वत लेते पटवारी को लोकायुक्त ने किया था ट्रेप, हुई 4 वर्ष की सजा व जुर्माना

*भ्रष्टाचार के मामले में डेढ़ माह में दूसर पटवारी को मिली सजा*


अनूपपुर

विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) न्यायालय ने थाना विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त रीवा, अपराध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी, 13(2), आरोपी विनोद कुमार सोनी तत्कालीन पटवारी हल्का लखनपुर तहसील अनूपपुर के प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार का अपराध प्रमाणित पाने पर 04 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपए की राशि के अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। न्यायालय ने सजा सुनाते ही आरोपी को कारावास हेतु जेल भेज दिया। 

प्रकरण में फरियादी गोविंद प्रसाद कोल ग्राम लखनपुर स्थित 10 एकड़ कृषि भूमि का सीमांकन कराना चाहता था, जिस हेतु लोक सेवा केन्द्र में आवेदन दिया, जिस पर पटवारी द्वारा उसे सूचना दी गई कि 18 मई 2016 को जमीन का सीमांकन होना है, जिस पर गोविंद प्रसाद उक्त तिथि को पटवारी का इंतजार करता रहा, और पटवारी नहीं आया, तब गोविंद प्रसाद तहसील कार्यालय में पटवारी विनोद सोनी से मिला जहां उसके द्वारा सीमांकन कार्य के एवज में 10 हजार रू. की मांग की। जिसके बाद गोविंद प्रसाद साथी अर्जुन पटेल के साथ पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को लिखित शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस शिकायत की तस्दीक व सत्यापन किया, रिश्वत की मांग को प्रमाणित पाए जाने पर आरोपित पटवारी के विरूद्ध स्वतंत्र राजपत्रित साक्षियों के समक्ष ट्रेप कार्यवाही करते हुए पटवारी के घर पर सीमांकन कार्य के एवज में रिश्त के रूपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त पुलिस प्रकरण की विवेचना के दौरान समस्त दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्यों का संकलन कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र विशेष भ्रष्टाचार न्यायालय अनूपपुर की न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां विशेष लोक अभियोजक (लोकायुक्त) द्वारा प्रकरण के सम्पूर्ण तथ्यों व साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष रखा। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विशेष लोक अभियोजक के तर्क का प्रमाणित पाते हुए सजा सुनाई। डेढ़ माह पूर्व विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय पंकज जायसवाल की न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन पटवारी हल्का बरगवां नं. 02 तहसील व जिला अनूपपुर शैलेन्द्र शर्मा को 04 वर्ष का कठोर कारावास व 10,000 रू. की राशि के अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी। और आरोपी को न्यायालय से ही जेल भेज दिया गया था।

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