नान, वेयरहाउस संचालक और ट्रांसपोर्टर के बीच की लड़ाई में  6051 क्विंटल  चावल  हुआ खराब

*आम नागरिकों के खून पसीने की कमाई से दिए जाने वाले टैक्स के पैसों में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 1,21करोड़ का चावल खराब, कौन है जिम्मेदार*


अनूपपुर/कोतमा

जिले में सार्वजनिक वितरण प्राणाली के माध्यम से गरीबो को वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न के गुणवत्ता विहीन व निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नही होने के बावजूद उसे गरीबो की थाली तक पहुंचाने का खेल रूकने का नाम नही ले रहा है। वहीं अब बीते तीन वर्षो से वेयर हाउस बिजुरी के गोदाम में भंडारित लगभग 640 टन चावल बिना देखरेख के खराब हो जाने के बाद अब विभाग उसे शासकीय उचित मूल्य की दुकान में भेजने की तैयारी में था। जिसके बाद एक बार फिर खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का गृह जिला खाद्यान्न मामले में सुर्खियां बटोर रहा है। जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबो की थाली में सड़ा चावल पहुंचाकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की जुगत में थे।

*यह है मामला*

कोतमा विकासखंड अंतर्गत शुभ वेयर हाउस बिजुरी में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में भंडारित सीएमआर चावल का समय पर उठाव नही किये जाने के कारण गोदाम में भंडारित 4 स्टेक लगभग 6051क्विंटल चावल पूरी तरह से खराब हो चुका है। जानकारी के अनुसार उक्त 4 स्टेक में से 2 स्टेक चावल जो कि खाने योग्य ही नही बचा है। जिस पर अब नागरिक आपूर्ति विभाग उक्त सड़े हुये चावल के अपग्रेडेशन करने की तैयारी में जुट गई है। इस पूरे खेल में नागरिक आपूर्ति विभाग के केन्द्र प्रभारी की भूमिका संदिग्ध देखी है, जिन्होने नियमानुसार चावल के उठाव में फीफो नियम का पालन ही नही किया गया, जिसके कारण वर्ष 2017 से भंडारित हजारों क्विंटल चावल सड़ गया और काॅर्पोरेशन को एक बार फिर अनूपपुर जिले से करोड़ो रूपये की क्षति उठानी पड़ी।

*12 हजार बोरी चावल हुआ खराब*

शुभ वेयर हाउस बिजुरी के गोदाम क्रमांक 25 में भंडारित चार स्टेको में लगभग 12 हजार बोरी वजन लगभग 6051क्विंटल चावल के खराब होने पर नागरिक आपूर्ति विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में है। लगातार अपनी मनमानी एवं मिलरों द्वारा अमानक व गुणवत्ता विहीन चावल को जमा कराने के कारनामे किसी से छिपे नही है। जो मिलरों के साथ मिली भगत कर गरीबो की थाली में अमानक व गुणवत्ता युक्त चावल की खेप पहुंचा कर स्वयं और मिलरों को लाभ पहुंचा रहे है। जिसके बाद अब नया मामला बिजुरी के शुभ वेयर हाउस का जिले में छाया हुआ है। जहां हजारों क्विंटल खराब हुये चावल का ठीकरा नाॅन व वेयर हाउस दोनोएक दूसरे के सिर में फोड़ने जुटे हुये है। 

*केन्द्र प्रभारी व ट्रांसपोर्टर के बीच की लड़ाई में सड़ गया चावल*

जानकारी के अनुसार वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में भंडारित सीएमआर चावल को केन्द्र प्रभारी कोतमा द्वारा समय पर उठाव नही किये जाने के कारण सड़ गया है। जिसका कारण नाॅन के केन्द्र प्रभारी व उस समय के ट्रांसपोर्टर के बीच की निजी लड़ाई ने शासन को करोड़ो रूपये का नुकसान पहुंचाया है। वहीं तत्कालीन वेयर हाउस कोतमा के शाखा प्रबंधक द्वारा भी गोदाम में भंडारित चावल की सुरक्षा मानको व बिना देखरेख के कारण पूरी तरह से सड़ चुका है, जो अब खाने योग्य ही नही बचा। लेकिन पूरा मामला सामने आने से पहले नागरिक आपूर्ति विभाग अपनी कमियों को छिपाने के लिये सड़ा हुआ चावल को गरीबो की थाली में पहुंचाने की तैयारी में जुटे थे।

*तो क्या फिर चलेगा अपग्रेडेशन का खेल*

नागरिक आपूर्ति विभाग अनूपपुर द्वारा जहां वेयर हाउस बिजुरी में भंडारित हजारों क्विंटल चावल के सड़ जाने के बाद अपने आप को बचाने अब सड़े हुये चावल के अपग्रेडेशन की तैयारी में जुट गया है। जबकि अमानक व गुणवत्ता विहीन चावल का अपग्रेडेशन किया जा सकता है। लेकिन नाॅन अब सड़े हुये चावल के अपग्रेडेशन करने की बात कह रही है। वहीं अपग्रेडेशन न होने की स्थिति में उक्त राशि वसूली की जायेगी। आखिकर कार नाॅन ने शासन के नियमों व निर्देशानुसार फीफो नियम का पालन न करना भी एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। नागरिक आपूर्ति विभाग उक्त सड़े चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबो की थाली में पहुंचाकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में जुट हुये थे। 

*इनका कहना है*

शुभ वेयरहाउस एवं ट्रांसपोर्टर की लापरवाही से पूरा चावल खराब हो गया है हमारे विभाग के जीएम एवं रीजनल मैनेजर द्वारा जांच किया जा चुका है यह चावल वितरण योग्य नहीं है इसकी जानकारी भोपाल भेज दी गई है।। उच्च अधिकारियों द्वारा जो भी निर्णय आएगा उसके अनुरूप कार्य किया जाएगा।

*विजय सिंह प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कोतमा*

एस आई मंगला की जेब मे कानून, खुलेआम वकील को धक्का मारकर किया बेइज्जत, देखे वायरल वीडियो 

*जिला ब्यूरो ज्ञानचंद जैसवाल*


अनूपपुर/राजेन्द्रग्राम

पुलिस थाना में आम जनता को आसानी यह महत्वपूर्ण स्लोगन आसानी से देखने को मिल जाता है देश भक्ति जनसेवा मगर जनसेवा किस तरह से लोगो के साथ किया जाता हैं इसका सीधा जीता जागता उदाहरण देखने को मिल रहा है क्या खाकी वर्दी में पहनकर लोगो का मान सम्मान को अपने पैरों तले रौदना आम बात हो गयी है तरह तरह के मामले आये दिन आते रहते है कानून का पालन कराने वाले लोग की कानून अपनी जेब मे रखकर रखकर उसका उल्लंघन करेंगे तो आम लोगो के पास क्या संदेश जाएगा इस तरह गलत पॉवर का उपयोग करने का अधिकार किसने दिया इसी तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है यह वीडियो कब की है इसका ओट नही चल पाया है। खाकी वर्दी में उपनिरीक्षक एक वकील को धक्के मारकर बेइज्जत करते हुए दिख रहा है।इस वीडियो में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि हम नही कर रहे हैं मगर सूत्र बता रहे हैं कि यह पूरा मामला सच है और थाना परिसर का मामला है जो इस वीडियो में दिख रहा है वो बिल्कुल सही नही है।

*वायरल वीडियो👇🏿👇🏿👇🏿*


 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो वीडियो में दिख रहा है वह अनूपपुर जिले के राजेंद्रग्राम थाने में पदस्थ उप निरीक्षक मंगला प्रसाद दुबे वरिष्ठ अधिवक्ता तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेश के साथ देशभक्ति और जन सेवा का आचरण एवं  इस तरह का व्यवहार करते हुए ऐसे पुलिसकर्मी ही पुलिस की वर्दी को कलंकित करते हैं उप निरीक्षक का आचरण पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती है पुलिस की वर्दी में शैतान जैसा आचरण जन सामान्य को झकझोर दिया है। इस तरह का सार्वजनिक स्थल पर खुलेआम इस तरह का हरकत करना खाकी वर्दी को बदनुमा दाग लग रहा है। एक वकील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है तो आम आदमी के साथ क्या क्या होता होगा इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। मंगला दुबे जिले के जिस थानों में पदस्थ रहे हैं हर जगह अपने कारनामो से काफी सुर्खियों में रहे हैं। क्या इस मामले पर जिला अधिकारी संज्ञान लेकर कार्यवाही ऐसे लोगो पर कार्यवाही करेंगे या अभयदान देकर ऐसे लोगो को खुली छूट देगे। 

इस मामले की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता संघ के चेयरमैन डॉ विजय चौधरी ने पुलिस महानिदेशक से अनुरोध किया है कि इस मामले की 1 माह के अंदर जांच कर मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता संघ को सौपने की व्यवस्था करे।


एस आई मंगला दुबे का कारनामा एक के बाद एक लगातार एपीसोड दबंग पब्लिक प्रवक्ता में जारी रहेगा।

*इनका कहना है*

यह 6 माह पुराना मामला है बहुत सारे वकील आम नागरिक डकैतों को छुड़वाने के लिए थाना आ गए थे इस मामले की जांच भी हो चुकी है और मेरे ऊपर लगे सारे आरोप गलत साबित हुए थे।

*मंगला दुबे उपनिरीक्षक थाना राजेन्द्रग्राम*


उपसरपंच चुनाव में धोखाधड़ी मामले में हुई शिकायत, कार्यवाही नही तो 11 पंच करेंगे आंदोलन


अनूपपुर

जिले के अनूपपुर जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत लतार मे उपसरपंच चुनाव में धोखाधड़ी के मामले को लेकर ग्राम पंचायत लतार के 11 पंच एक साथ शिकायत में हस्ताक्षर कर अनूपपुर रिटर्निंग चुनाव पंचायत समीती को आवेदन दिया है।

*तीन बिन्दु पर हुई शिकायत*

1. यह कि ग्राम पंचायत लतार में दिनांक 26 जुलाई 2022 को उप सरपंच का चुनाव हुआ।। जिसमें ग्राम पंचायत लतार वार्ड क्रमांक 15 का प्रत्याशी अर्थात प्रार्थी एवं वार्ड क्रमांक 09 की महिला प्रत्याशी श्रीमती रामकली द्वारा उपसरपंच पद के लिए आवेदन भरा गया था। उक्त चुनाव में कुल 20 पंचों ने अपना मतदान किया। मतदान उपरांतर मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी  लक्ष्मण प्रसाद पनाणिया द्वारा डाले गये कुल 20 मतों की गणना की गई

2. यह कि पीठासीन अधिकारी द्वारा गणना किये गये मतो में विधिमान्य मतो की संख्या 18 बताई गई जिसके अनुसार प्रार्थी को 10 वोट एवं श्रीमती रामकली प्रजापति को कुल 08 वोट प्राप्त हुये। शेष 02 मतों को पीठासीन अधिकारी के द्वारा मतगणना में अविधिमान्य होना बताया गया।

3. यह कि पीठासीन अधिकारी के द्वारा मतगणना कर परिणाम की घोषणा करने के उपरांत प्रार्थी स्वयं को निर्वाचित मानते हुये पंचायत भवन (मतदान स्थल) से बाहर चला गया। तदउपरांत पीठासीन अधिकारी  लक्ष्मण दास पनाणिया के सहकर्मी  माखन रौतेल जो कि पेशे से ग्राम पहौर में शिक्षक के पद पर पदस्थ है एवं ग्राम पंचायत लतार में निर्वाचित महिला सरपंच मती कुन्ती बाई का बड़ा भाई भी है।  माखन रौतेल के द्वारा उक्त पीठासीन अधिकारी को फोन के माध्यम से वार्तालाप कर साथ सांठ-गांठ कर ली गई और घोषित अविधिमान्य मतों को पराजित घोषित महिला प्रत्याशी श्रीमती रामकली प्रजापति के पक्ष में विधिमान्य मत के रूप में शामिल कर लिया गया जिससे उपसरपंच का उक्त चुनाव परिणाम बराबर-बराबर कर दिया गया। जिसकी जानकारी प्रार्थी को होने पर उसने पीठासीन अधिकारी के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई तब करीब तीन घंटो के बाद तहसीलदार  अनूपपुर मतदान स्थल पर पहुंचे और पूरा मामले की जानकारी लेने के पश्चात् संबंधित पीठासीन अधिकारी के द्वारा की गई मतगणना की प्रक्रिया को गलत बताया गया । उसके बाद पीठासीन अधिकारी के द्वारा बिना मेरी सहमति के लॉटरी के माध्यम से जबरजस्ती रामकली प्रजापति को उप सरपंच के रूप में विजयी घोषित कर दिया गया।

*मामले की हो जांच*

उपसरपंच चुनाव के प्रत्याशी तीन बिंदु के आधार पर शिकायत दर्ज करते हुए मामले की जांच की मांग की है अगर समय रहते मामले की जांच नहीं होता है तो पंचो द्वारा गलत तरीके से उप सरपंच चुनाव उम्र में हुए धोखाधड़ी के मामले को लेकर आंदोलन करेंगे जिसकी नैतिक जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी

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