दबंग पब्लिक प्रवक्ता

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दोहरे जघन्य हत्याकाण्ड के फरार  02 आरोपियो को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अनूपपुर

दोहरे हत्याकाण्ड में मृतक राजेन्द्र उर्फ बबलू पटेल (उम्र करीब 40 साल) निवासी लखनपुर एवं उसके घर पर काम करने वाली कुमारी सीमा बैगा (उम्र करीब 25 साल) निवासी ग्राम डालाडीह की रात्रि में सोते वक्त जघन्य नृशंतापूर्वक की गई हत्या एवं राजेंद्र पटेल की पत्नी श्रीमती रूप पटेल की हत्या के प्रयास के जघन्य हत्याकांड में फरार अन्य दो आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। कोतवाली पुलिस द्वारा उक्त हत्याकांड के सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 10 दिसंबर 2025 को ग्राम लखनपुर में शिव मंदिर के सामने रहने वाले राजेन्द्र पटेल की खून से लतफथ लाश और उसके घर में काम करने वाली लड़की कुमारी सीमा बैगा की खटिया पर रक्त रंजित लाश मिली थी, जबकि मारपीट से बुरी तरह घायल रूपा पटेल को इलाज हेतु अनूपपुर से शहडोल बाद जबलपुर  से रायपुर रेफर किया गया है। रूपा पटेल की स्थिति गंभीर बनी हुई है एवं अभी भी बातचीत करने में असमर्थ है जिसका रायपुर में इलाज चल रहा है। थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 552/25 धारा 103(1),109(1) बी.एन.एस. पंजीबद्ध कर विवेचना में एकत्रित महत्वपूर्ण तकनीकी साक्ष्यों एवं परस्थितिजन्य साक्ष्यों से खुलासा हुआ की पांच आरोपी इस हत्या में शामिल थे।

कोतवाली पुलिस द्वारा तत्परता पूर्वक उक्त दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी आलोक उर्फ सूरज पटेल, आरोपी सक्षम केसरवानी निवासी कोरिया ( छत्तीसगढ़ ), एक अन्य 16 वर्षीय नाबालिक किशोर को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका हैं, फरार हुए दो आरोपियों देवेंद्र सोनवानी पिता राजपाल सोनवानी उम्र करीब 18 साल 03 माह निवासी सामतपुर, अनूपपुर एवं एक 16 वर्षीय 04 माह के नाबालिक किशोर को रविवार की सुबह गिरफ्तार किया जाकर वारदात में प्रयुक्त हथियार एवं मोबाइल जप्त किए गए हैं।

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6 जुआड़ियों को जुआ खेलते पुलिस ने किया गिरफ्ता

अनूपपुर

मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि डोंगरिया टोला अमलाई मुक्तिधाम के पीछे कुछ जुआड़ी ताश पत्तों से पैसों का हार जीत का दाव लगाकर जुआ खेल रहे थे, सूचना पर मौके से बताएं स्थान पर पहुंच कर छापामार कार्रवाई की गई तो मौके से 06 जुआड़ी सलीम खान पिता अजीब खान उम्र 35 साल निवासी अमलाई, बैजू पाल पिता स्व. लखडू पाल उम्र 40 साल निवासी अमलाई, सोनू यादव पिता स्व. कृष्णा यादव उम्र 30 साल निवासी बसंतपुर दफाई, मनोज पिता रामदास दहिया उम्र 38 साल निवासी अमलाई, रफीक खान पिता जबीर खान उम्र 45 साल निवासी अमलाई, एवं संतोष कुमार पिता हीरालाल उम्र 27 साल निवासी शनिचरी बाजार अमलाई के मिले जिनके पास और फड से 5840/- रुपए नगद एवं 52 तास के पत्ते मौके से जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में उपस्थित होने हेतु पाबंद किया।

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बिलासपुर - चिरमिरी एक्सप्रेस ट्रेन को जनहित मे इतवारी नागपुर तक चलाया जाए

अनूपपुर

बिलासपुर जोन यात्रियों के लिए नित्य नवीन सुविधाओं के लिए हमेशा तत्पर रहता है, इसी कड़ी मे महेंद्र सोनी पूर्व पार्षद नगर परिषद जैतहरी ने रेल प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निवेदन है कि बिलासपुर चिरमिरी एक्सप्रेस ट्रेन को नागपुर तक बढा देने से मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी एवं आसपास के छत्तीसगढ़ वासियों को राजधानी रायपुर के साथ ही साथ सभी सरगुजा कोरिया अनूपपुर पेण्ड्रा करगीरोड के आसपास के निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सीधे नागपुर के लिए ट्रेन सुविधा मिल जायेगी। 

 यह उपरोक्त ट्रेन चिरमिरी से 3.30 रात्रि उसलापुर पहुँच जाती है जो कि लगभग 10.30 सुबह मे इतवारी नागपुर पहुँच सकती है, और इतवारी नागपुर से लगभग 5.00 शाम से चल कर अपने निर्धारित समय मे उसलापुर पहुँच कर समयानुसार चिरमिरी के लिये चल सकती है, बिलासपुर जोन इतवारी नागपुर तक लगता है और यह ट्रेन बिलासपुर जोन की है, इस कारण यह ट्रेन इतवारी में लगभग 7.00 घंटे खडी़ रह सकती है जहाँ कि मैन्टनेंस किया जा सकता है। 

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मजदूर हित में वन मंत्री दिलीप अहिरवार की गंभीर पहल शिकायत पर संज्ञान, जांच की दिशा में आगे बढ़ने के दिए संकेत

शहडोल

मध्यप्रदेश के वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मजदूरों के अधिकारों से जुड़ा कोई भी मामला सरकार के लिए संवेदनशील और प्राथमिकता का विषय है। दक्षिण वन मंडल शहडोल वन परिक्षेत्र बुढार के पटना सर्किल अंतर्गत खैरहा तेंदूपत्ता समिति से जुड़ी शिकायत को लेकर वन मंत्री ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पूरे प्रकरण की जानकारी ली है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और दस्तावेजों पर वन मंत्री ने कहा कि प्राप्त शिकायत की विधिवत समीक्षा कराई जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

शिकायत को हल्के में नहीं लिया जाएगा वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मजदूरों के साथ अन्याय का कोई भी आरोप गंभीर होता है और ऐसे मामलों में तथ्यों की गहन पड़ताल जरूरी है।उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिकायत में लगाए गए बिंदुओं को प्रशासनिक स्तर पर देखा जाएगा और नियमों के अनुसार अगला कदम तय किया जाएगा।“मजदूरों से जुड़ा कोई भी विषय हमारे लिए अहम है। शिकायत आई है, उसे गंभीरता से देखा जाएगा और आवश्यक प्रक्रिया के अनुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

पारदर्शिता और जवाबदेही का संदेश वन मंत्री की इस प्रतिक्रिया से यह संकेत मिलता है कि शासन पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध है। शिकायत को नजरअंदाज न कर स्वयं संज्ञान लेना यह दर्शाता है कि सरकार तथ्य सामने लाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है। प्रशासनिक हलकों में इसे जांच की ओर बढ़ता कदम माना जा रहा है, जिससे संबंधित विभागों में सतर्कता और जवाबदेही बढ़ी है।

वन मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद स्थानीय मजदूरों और ग्रामीणों में यह उम्मीद जगी है कि मामले की निष्पक्ष समीक्षा होगी और यदि कहीं नियमों का उल्लंघन हुआ है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा। लोगों का कहना है कि मंत्री की संवेदनशीलता से भविष्य में इस तरह की शिकायतों पर भी त्वरित संज्ञान की परंपरा मजबूत होगी।

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वन परिक्षेत्र में आरा मशीन, वसूली और मजदूरी भुगतान को लेकर गंभीर आरोप

शहडोल

बुढार वन परिक्षेत्र में आरा मशीनों के संचालन, लकड़ी के परिवहन, फर्नीचर कारोबार और मजदूरी भुगतान को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय सूत्रों और शिकायतकर्ताओं का दावा है कि वन परिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर कमल वर्मा तथा उनके सहयोगी डिप्टी पुरुषोत्तम द्वारा पूरे तंत्र का संचालन किया जा रहा है, जिसमें नियमों को दरकिनार कर अवैध गतिविधियों को संरक्षण दिए जाने की बात कही जा रही है।

आरोप है कि बुढार वन परिक्षेत्र में संचालित सभी आरा मशीनों का पूरा नियंत्रण इन्हीं अधिकारियों के हाथ में है। नियमों के अनुसार आरा मशीनों में रखी लकड़ी की प्रजाति, मात्रा, स्रोत, परिवहन पास और स्टॉक रजिस्टर की नियमित जांच अनिवार्य है, लेकिन शिकायत के अनुसार यह प्रक्रिया केवल कागजों तक सीमित रह गई है। सूत्रों का दावा है कि आरा मशीनों के संचालन से जुड़े मामलों को “मैनेज” कर शहडोल स्तर तक जिम्मेदार अधिकारियों तक कथित रूप से लाभ पहुंचाया जाता है, जिससे बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं होती और केवल छोटे कर्मचारियों या निम्न स्तर के मामलों में ही औपचारिक कार्रवाई दिखती है।

बुढार वन परिक्षेत्र क्षेत्र में सैकड़ों फर्नीचर की दुकानें संचालित हैं। आरोप है कि इन दुकानों से हर माह कथित रूप से वसूली की जाती है। वहीं ओरिएंट पेपर मिल में प्रतिदिन 200 से 300 गाड़ियों से लकड़ी पहुंचने की बात कही जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या हर वाहन के पास वैध ट्रांजिट परमिट होता है?प्रतिमाह कितनी गाड़ियां आती हैं, इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड है या नहीं।वन विभाग द्वारा इस आवक-जावक का नियमित सत्यापन क्यों नहीं किया जाता, मजदूरी भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप व आरोपों का दायरा यहीं तक सीमित नहीं है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बुढार वन परिक्षेत्र की विभिन्न बीटों में कराए गए मजदूरी कार्यों में भी बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है।

दावा है कि मजदूरों को वास्तविक भुगतान ₹100 की जगह ₹50 तक दिया जाता है। कागजों में पूरा भुगतान दर्शाया जाता है।  किसी भी मजदूर को आज तक पूरा भुगतान नहीं मिलने के प्रमाण सामने आ सकते हैं। इन तमाम आरोपों के बाद क्षेत्र में निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि यदि आरा मशीनों का स्टॉक सत्यापन,ओरिएंट पेपर मिल में आने वाली लकड़ी का रिकॉर्ड फर्नीचर दुकानों की जांच,और मजदूरी भुगतान का बैंक-स्तरीय ऑडिट, कराया जाए, तो कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हो सकती हैं।

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भालू का आतंक जारी, चौथी बार घुसा बस्ती में, गाड़ी में रखा सामान खाया 

शहडोल

जैतपुर वन परिक्षेत्र के रसमोहनी गांव में भालू का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दस दिनों में चौथी बार भालू बस्ती के अंदर पहुंच गया है। इस बार उसने गांव के बाजार में खड़ी एक पिकअप वाहन पर हमला कर उसमें रखे फॉर्च्यून खाद्य सामग्री को नुकसान पहुंचाया। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है। भालू के बार-बार बस्ती में आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि रसमोहनी की एक किराना दुकान में बीते सप्ताह के भीतर दो बार भालू घुस चुका है। दुकानदार को इसका पता तब चला जब सुबह दुकान पहुंचने पर उसने बाहर रखी नमक की बोरियां फटी हुई देखीं। जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया तो उसमें भालू दुकान के बाहर घूमता और सामान खाता नजर आया। इसके बाद दो दिन पहले भालू ने फिर से बस्ती में प्रवेश किया और अब बाजार के बीचोबीच खड़ी पिकअप में रखे सामान पर हमला कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि लगातार घटनाओं के बावजूद वन विभाग की टीम अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। विभाग की इस लापरवाही से लोगों में गुस्सा है। ग्रामीण रात होते ही अपने घरों में कैद हो जाते हैं और सुरक्षा के लिए घरों के बाहर आग जलाकर पहरा दे रहे हैं। लोगों ने वन विभाग से गांव में गश्त बढ़ाने और भालू को पकड़ने की मांग की है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। जैतपुर कार्यवाहक वन क्षेत्र पाल बृजलाल प्रजापति से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा हमने 10 लोगों की टीम गस्ती में लगाई है। लगातार टीम मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है।

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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर दिलाई शपथ, युवा टीम ’ऊर्जा दूत’ बन आमजन को करेंगे जागरूक

उमरिया

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया द्वारा शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय पाली में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।ऊर्जा का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए। ऊर्जा के संरक्षण से ही विकसित भारत का लक्ष्य पूर्ण होगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस आयोजित किया जाता है।

प्राचार्य ने विद्यार्थियों को ऊर्जा संरक्षण शपथ दिलाई। उन्होंने  ने किया और ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न आयामों को साझा किया ताकि आने वाली पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा सके। ऊर्जा संरक्षण वॉलिंटियर हिमांशु तिवारी ने  कहा कि वैश्विक समस्याओं का हल विज्ञान एवं वैज्ञानिक सोच से ही संभव है। ऊर्जा पर आत्मनिर्भरता ही देश को सक्षम और शक्तिशाली बनाता है।उन्होंने कहा कि आज दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ऊर्जा की अनावश्यक खपत रोकने, ऊर्जा स्रोतों को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए आमजन को ऊर्जा साक्षरता अभियान से जोड़ना अति आवश्यक है। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान  ऊर्जा संरक्षण वालंटियर हिमांशु तिवारी , विद्यालय विद्यार्थी नासरीन प्रवीन, पायल प्रजापति, प्रिया सोनी अंजना सिंह, राधिका, साहू खुशी बैरागी,क्षमा साहू, प्रतिभा गुप्ता ,सपना प्रजापति, पावनी प्रजापति अभिषेक बसोर, राज प्रजापति, दुर्गेश कोल व सभी उपस्थित रहे।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हर बीमारी पर एक जैसा इलाज, दवाओं को लेकर उठे सवाल

अनूपपुर/कोतमा

कोतमा नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि यहां अलग-अलग बीमारियों के बावजूद अधिकांश मरीजों को एक ही तरह का इलाज और लगभग समान दवाएं दी जा रही हैं।अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का कहना है कि बुखार, पेट दर्द, सर्दी-खांसी, कमजोरी या अन्य सामान्य समस्याओं में बिना विस्तृत जांच किए एक जैसी दवाएं लिख दी जाती हैं। कई मरीजों ने बताया कि न तो आवश्यक जांच कराई जाती है और न ही बीमारी के अनुसार दवा बदली जाती है, जिससे इलाज प्रभावी नहीं हो पा रहा है।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले अधिकतर मरीज सामान्य बीमारियों से ग्रसित होते हैं, जिनके लिए मानक दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मामलों में मरीजों को जांच एवं उच्च संस्थानों में रेफर किया जाता है। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने इस व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि सरकारी अस्पताल में सही इलाज नहीं मिलेगा तो आम जनता को निजी अस्पतालों की ओर जाना पड़ेगा, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा। लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल सुधार की मांग की है।

इस मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) ने कहा, की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दी जा रही उपचार व्यवस्था की जांच की जाएगी। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो उसका समाधान निकाला जाएगा और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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हनुमान चौक पर पार्किंग का संकट, बैंक के सामने बेतरतीब वाहनों से थम रही रफ्तार

अनूपपुर/कोतमा

कोतमा नगर के हनुमान चौक स्थित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) शाखा के आसपास अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। बैंक के सामने एवं चौराहे के आसपास दोपहिया और चारपहिया वाहन बेतरतीब ढंग से खड़े किए जाने के कारण दिनभर यातायात प्रभावित रहता है। विशेषकर सुबह और दोपहर के समय बैंक में लेन-देन के दौरान यहां जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसका सीधा असर राहगीरों, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों तथा स्थानीय व्यापारियों पर पड़ रहा है। कई बार सड़क संकरी होने के कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो जाती है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बैंक में प्रतिदिन बड़ी संख्या में खाताधारक आते हैं, लेकिन पार्किंग के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं है। सड़क किनारे खड़े वाहनों के कारण आवागमन में परेशानी होती है और कभी-कभी छोटी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। हनुमान चौक नगर का प्रमुख मार्ग होने के कारण यहां की अव्यवस्था पूरे क्षेत्र के यातायात को प्रभावित करती है।

वहीं वाहन चालकों का कहना है कि वे जानबूझकर सड़क पर वाहन खड़े नहीं करते। हनुमान चौक क्षेत्र में कहीं भी चिन्हित पार्किंग स्थल उपलब्ध नहीं है, जिससे मजबूरीवश सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ते हैं। उनका कहना है कि यदि नगर पालिका द्वारा पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाए तो समस्या स्वतः समाप्त हो सकती है। थाना प्रभारी, कोतमा ने कहा कि हनुमान चौक क्षेत्र में अव्यवस्थित पार्किंग की शिकायतें मिल रही हैं। यातायात बाधित करने वाले वाहनों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


ट्रैक्टर ने मोटरसाइकिल को मारी टक्कर, युवक की हुई मौत 


अनूपपुर 

जिले से सामने आया है। जहां भीषण हादसे में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक घटना जैतहरी थाना क्षेत्र की है, जहां बाइक सवार युवक को ट्रैक्टर ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

मिली जानकारी के मुताबिक घटना जिले के जैतहरी थाना अंतर्गत खूटाटोला टोल नाका के पास हुई है। बताया जा रहा है कि मृतक युवक जैतहरी से पेंड्रा की ओर जा  रहा था, तभी ट्रैक्टर से उसकी जोरदार टक्कर हो गई। इस दर्दनाक हादसे में बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है, वहीं मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस घटना के बाद क्षेत्र में लोगों के बीच काफी आक्रोश का माहौल है।

धमोखर रेंज के विवादित डिप्टी रेंजर पर राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों की बरस रही कृपा

*दशकों से एक ही जगह काट रहे चांदी*


उमरिया   

मध्य प्रदेश के बहु प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में शासन व्दारा जारी स्थानांतरण नीति के पालन के मामले  में फिसड्डी साबित हो रहा है, सामान्यतः शासन के तबादला नीति में एक शासकीय कर्मचारी के लिए एक स्थान पर एक पद पर अधिकतम 3 वर्ष की अवधि तय की गयी है, लेकिन इसके पालन में राष्ट्रीय उद्यान के आला अधिकारियों की भेदभाव पूर्ण कार्यशैली दुधारू गाय का काम कर रही है। तभी तो किसी कर्मचारी को बीच सत्र में ही प्रभार सौंपने के आदेश जारी कर उसका शोषण करते है तो कुछ कर्मचारियों को दशकों तक एक ही स्थान पर रखकर अवैध कमायी का जरिया बना रखा है। विदित हो की उमरिया जिला स्थित बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र के धमोखर रेंज के सकरिया बीट सर्किल रायपुर में पिछले एक दशक से एक ही स्थान पर पदस्थ डिप्टी रेंजर उमेश बर्मन अंगद के पैर बनकर जमे हुए हैं, एक डिप्टी रेंजर का एक ही स्थान पर दशकों की पद स्थापना का मामला तबादला नीति के पालन कारी अधिकारियों के कार्यशैली संबंधित कर्मचारी के साथ ही कदाचरण की श्रेणी में आता है। नियम विरुद्ध इस पद स्थापना के लिए एक गंभीर मामला मानते हुए प्रशासनिक स्तर समीक्षा होनी चाहिए की इस दौरान किन कर्मचारियों की कितनी बार तबादला हुआ और इन्हें आखिर कार इस तबादला से क्यों बचाया गया, तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना चाहिए, लेकिन बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अधिकारियों को सब कुछ पता होने के बाद भी आखिर डिप्टी रेंजर पर क्यो मेहरबानी दिखा रहे हैं। 

राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के धमोखर वन परिक्षेत्र की सकरिया बीट सर्किल रायपुर में प्रभारी डिप्टी रेंजर की संलिप्तता की शिकायतें पूर्व में भी प्रकाश में आयी थी की इनकी संलिप्तता से सागौन के घने जंगल वीरान बन गये हैं। सागौन,साल जैसे इमारती वृक्षों की अवैध और अधाधुंध कटाई का गिरोह राष्ट्रीय उद्यान के अस्तित्व को मिटाने में लगा हुआ है। इतना ही नहीं रेत चोरी का मामला भी इन्ही  के कारगुजारियों में से एक है। राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र में होने के कारण आये दिन पालतू पशुओं के मौत की घटनाये हर दिन की घटनाओं में से एक हो गयी है। मध्यप्रदेश सरकार के व्दारा पालतू पशुओं के नुकसानी पर गरीब जनता को मिलने वाली मुआवजा राशि के बदले श्रीमान की कलम तभी आगे बढेगी जब पशुओं से हाथ धो चुका गरीब साहब की मुराद पूरी कर दे, अन्यथा गरीब के हाथ शासन व्दारा दी जाने वाली राहत राशि से भी हाथ धोना पड़ेगा।पशुओं के हानि होने पर पैसे मांगने के सीधे आरोप विभाग के ऊपर गम्भीर सवाल खड़े कर रहे हैं, उधर राष्ट्रीय उद्यान के जिम्मेदार अधिकारियो ने जांच के नाम पर व्यापक पैमाने पर लीपापोती कर अपने चहेते डिप्टी रेंजर को बचाने का बीड़ा उठा लिया है। आखिर कार उच्च अधिकारियों के नयनों के पलक बने इस डिप्टी रेंजर को बचाने के लिए प्रबंधन कब तक लुका छिपी का खेल खेल कर बचाता रहेगा। अपेक्षा है की वरिष्ठ अधिकारी इनकी कारगुजारियों से पर्दा उठा कर कानूनी कार्रवाई करें,वरना राष्ट्रीय उद्यान खेल का मैदान बनकर रह जायेगा।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के डायरेक्टर डॉ0 अनुपम सहाय से बात की गई तो उनका कहना था कि अब आप बोल रहे हैं तो मैं पता कर लूंगा, मूझे याद नही है कि वो व्यक्ति कब से है। हटाने की नीति है, लेकिन हर कोई नही हटता डायरेक्टर साहब को अपने ही कर्मचारी का नाम नही पता कहा जो भी शिकायतें है, जांच कराई जाएगी। इस जांच में कोई आँच आएगी या फिर इसी तरह से डिप्टी रेंजर के ऊपर अधिकारियों की कृपा बरसती ही रहेगी।

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