दबंग पब्लिक प्रवक्ता

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निःशुल्क पेयजल सप्लाई में अध्यक्ष सीएमओ नाकाम, 5 दिनों से पंप हाउस में लटका ताला, वार्ड़वासी परेशान

अनूपपुर

नगर परिषद बरगवां वार्ड क्रमांक 01 को ओरिएंट पेपर में कागज कारखाना के द्वारा निशुल्क पेयजल की व्यवस्था लगभग 25 वर्षों से पाइपलाइन के माध्यम से प्रदत किया जा रहा है वही एसईसीएल के द्वारा 9 लाख 30 हजार की लागत से ओरिएंट पेपर मिल पाइप लाइन के माध्यम से दी जा रही पानी को भूमिगत स्टॉक टैंक बनाकर पूरे वार्ड में पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी वर्तमान स्थिति में नगर परिषद के द्वारा पानी की सप्लाई एवं पंप हाउस निगरानी में है लेकिन 5 दिनों से पेयजल की व्यवस्था पूर्ण रूप से बाधित है जिसके कारण वार्ड वासियों को  पीने के पानी को लेकर परेशानी हो रही है। वही नगर परिषद अध्यक्ष व सीएमओ मौन बैठे हैं, इनकी लापरवाही से 5 दिनों से पंप हाउस में ताला लटका हुआ हैं और ये लोग कुम्भकर्णी नींद में सो रहे है, क्या आम जनता इसी दिन के लिए वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाए थे। वैसे भी नगरपरिषद अध्यक्ष व उनके परिवार वालो के ऊपर सरकारी संसाधनो का घरेलू उपयोग के आरोप लग चुके हैं, जिसकी फोटो व वीडियो वायरल हों चुकी है।

पांच दिवस होने को आए फिर भी नगर परिषद के द्वारा पंप हाउस में लगे पंप रिपेयरिंग को लेकर लापरवाही के कारण वार्ड में रहने वाले लोगों को पीने के पानी को लेकर काफी दिक्कतेंहो रही है। पंप हाउस में ताला लटका हुआ है और बिगड़े हुए पंप को बनने के लिए दिया गया है वार्ड 01 के निवासी संजय तिवारी का कहना है कि फिर वही पुरानी स्थिति निर्मित हो गई है जो आज से 10 वर्षों पहले थी साइकिल में डिब्बे लटकाकर पानी ढोए जा रहे है।

वही वार्ड के निवासी भूषण तिवारी का कहना है कि बार-बार पंप हाउस में लगे पंप का जलना और फिर उसे रिपेयरिंग के लिए भेजना और इस बीच कई दिनों तक पीने की पानी के लिए काफी मशक्कत करने पड़ते हैं। सब कुछ होते हुए भी अव्यवस्था के कारण हो रहे जल समस्या का निदान नगर परिषद के लापरवाही के कारण बढ़ रही समस्या का जिम्मेदार कौन है।

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बस ने पुलिस आरक्षक को मारी टक्कर, घटनास्थल पर हुई मौत, यातायात व्यवस्था पर उठे सवाल

शहडोल

शहर के व्यस्ततम बस स्टैंड क्षेत्र में अव्यवस्थित यातायात ने एक पुलिसकर्मी की जान ले ली। कोतवाली थाना में पदस्थ आरक्षक महेश पाठक रविवार दोपहर अपनी ड्यूटी पर बस स्टैंड पॉइंट पर मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब दोपहर 2 बजे दादू एंड कंपनी की एक बस ब्यौहारी से शहडोल पहुंची और बस स्टैंड में लगने जा रही थी। उसी समय सड़क पर अव्यवस्थित तरीके से खड़ी दूसरी बस को हटवाने में लगे आरक्षक महेश पाठक को उक्त बस ने अचानक ठोकर मार दी।

स्थानीय लोगों के मुताबिक ठोकर लगने से आरक्षक महेश पाठक जमीन पर गिर गए, इसके बाद बस आगे बढ़ते हुए दउनके ऊपर चढ़ गई, जिससे उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद आसपास मौजूद लोग दहशत में आ गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। कोतवाली व सोहागपुर पुलिस मौके पर पहुंची और क्षेत्र को सुरक्षित करते हुए बस व चालक को हिरासत में ले लिया।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि बस स्टैंड क्षेत्र में लंबे समय से अव्यवस्थित यातायात की समस्या बनी हुई है। कई बार शिकायतों के बावजूद विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मात्र एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी की ड्यूटी होने से अक्सर जाम की स्थिति बनती रहती थी। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते यातायात व्यवस्था सुधारी जाती तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।

घटना के बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ बस स्टैंड क्षेत्र में जमा हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। इस हादसे ने एक बार फिर शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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अस्पताल में पति ने पत्नी पर चाकू से किया हमला, सुरक्षा कर्मी भी हुए घायल, आरोपी गिरफ्तार

शहडोल

कोतवाली थाना क्षेत्र के पाली रोड स्थित श्री राम अस्पताल में शनिवार शाम एक गंभीर घटना हुई, जहां अस्पताल के प्राइवेट रूम में भर्ती महिला पर उसके पति ने चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब 26 वर्षीय मनोरमा उपाध्याय, निवासी वार्ड नंबर 6 जयसिंहनगर, अपने बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद प्राइवेट रूम नंबर 6 में आराम कर रही थी। बताया जा रहा है कि मनोरमा की मां किसी काम से नीचे गई हुई थी और वह कमरे में अकेली थी। तभी उसका पति, जो मुंबई में रहता है, अचानक अस्पताल पहुंचा और कमरे के अंदर घुसकर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

कुछ ही देर बाद कमरे से महिला की जोर-जोर से चीख सुनाई दी, जिसके बाद आसपास मौजूद मरीजों के अटेंडर और अस्पताल के सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी द्वारा अंदर से बंद किए जाने के कारण दरवाजा नहीं खुल सका। इसके बाद अस्पताल स्टाफ और अटेंडर्स ने मिलकर दरवाजा तोड़ा और अंदर प्रवेश किया। तब तक मनोरमा के चेहरे और गर्दन पर चाकू से गंभीर चोट आ चुकी थी। दरवाजा तोड़ने के दौरान एक महिला सुरक्षा कर्मी भी घायल हो गई।

घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों और लोगों ने आरोपी पति को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी ह।

पुलिस के अनुसार पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था, लेकिन विवाद की वास्तविक वजह अभी जांच के दायरे में है। आरोपी के अचानक अस्पताल पहुंचकर इस तरह हमला करने से पूरे परिसर में दहशत फैल गई। वर्तमान में मनोरमा को आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की टीम उसका उपचार कर रही है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी हुई है।

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हिंदुस्तान पावर प्लांट के धुएँ से लोग परेशान, सांस लेना हुआ मुश्किल

अनूपपुर 

जिले का बहु चर्चित जैतहरी जनपद अंतर्गत स्थित हिंदुस्तान पावर (मोजर बेयर) बिजली उत्पादन केंद्र से लगातार निकल रहे जहरीले धुएँ ने आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बीते दिनों लगभग 4:25 बजे के आसपास हालात इतने गंभीर हो गए कि आमजन का चलना-फिरना और सांस लेना भी दूभर हो गया।

स्थानीय नागरिकों के अनुसार, प्लांट से घना धुआँ और राख उड़ने से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। इसके कारण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को सांस लेने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग संक्रमण व श्वसन संबंधी बीमारियों से भी ग्रस्त हो रहे हैं।

नागरिकों का कहना है कि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चिमनियों से इस तरह का धुआँ छोड़ना प्रतिबंधित है, फिर भी पावर प्लांट प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। राखड़ के उचित परिवहन और निस्तारण के अभाव में राख हवा में उड़कर घरों और खेतों तक पहुँच रही है, जिससे लोगों का जीवन नरकीय बन गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके और लोगों को राहत मिल सकें।

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रेलवे कॉलोनी में सफाई व्यवस्था ठप्प, ठेकेदार की लापरवाही,लोग  परेशान, रेलवे प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल

अनूपपुर

कोतमा रेलवे कॉलोनी में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है और स्थिति यह है कि यहां निवास करने वाले रेलवे कर्मचारी और उनके परिवार गंदगी, बदबू और बीमारी के खतरे के बीच रहने को मजबूर हैं। रेलवे प्रबंधन द्वारा हर वर्ष सफाई व्यवस्था के लिए लाखों रुपये का ठेका दिया जाता है, लेकिन उसके बावजूद कॉलोनी की स्थिति बदतर होती जा रही है। स्थानीय लोग इस स्थिति को रेलवे प्रबंधन और सफाई ठेकेदार की घोर लापरवाही का नतीजा बताते हैं।

कॉलोनी में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा हैं और लंबे समय से इन्हें हटाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। नालियाँ पूरी तरह जाम पड़ी हैं और उनमें से गंदा पानी निकलकर सड़कों पर फैल जाता है। इससे लोगों को रोजमर्रा के आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो सड़कें कीचड़ और दुर्गंध का केंद्र बन चुकी हैं। कॉलोनी में उगी झाड़ियाँ भी बड़ी समस्या बन चुकी हैं। इन झाड़ियों में जहरीले जीव-जंतु आसानी से छिप जाते हैं। रेल कर्मचारियों के अनुसार पिछले कुछ महीनों में सांप और बिच्छू कई घरों में घुस चुके हैं।

रेलवे कॉलोनी में रहने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि ठेकेदार का स्टाफ केवल दिखावे के लिए थोड़ी बहुत सफाई करता है और फिर रिपोर्ट में पूरा क्षेत्र साफ दर्शाकर फाइल बन्द कर दी जाती है। कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण अक्सर कचरे को जलाकर खत्म किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान उठने वाला धुआं कॉलोनी के घरों में भर जाता है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी, आँखों में जलन और दमा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है।

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कुपोषण से जंग संकल्प को अस्पताल प्रबंधन लगा रहा पलीता, एनआरसी में भोजन के पड़े लाले 

उमरिया

जिले के बिरसिंहपुर पाली में कुपोषण से निपटने के लिए केन्द्र सरकार व्दारा लाया गया संकल्प कुपोषण से जंग, सुपोषण के संग आज भी जिम्मेदार अधिकारियों के सुस्त कार्यशैली के कारण घिसटती नजर आ रही हैं।जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने शिशुओं के शारीरिक, मानसिक विकास के लिए महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग को महत्व पूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके तहत महिला बाल विकास विभाग शिशुओं को चिंहित कर उनके परिवार जनों को समझाइश देकर एन आर सी मे भर्ती कराती है और अस्पताल प्रबंधन चिकित्सीय देख रेख में उपचार कम पौष्टिक आहार, व्यवहार से कुपोषित बच्चों को उबरने की जिम्मेदारी निभाया जाना है। इसी उद्देश्य के फलीभूत के लिए आदिवासी विकास खंड पाली में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में भी एन आर सी का संचालन किया जा रहा है, लेकिन पाली का यह केन्द्र अस्पताल प्रबंधन के कतिपय अधिकारियों की कमाऊ नीति के चलते कुप्रबंधन का शिकार हो गया है। बताया जाता है की पौष्टिक आहार मिलना तो दूर तय समय पर दो रोटी और दाल मिल जाये तो ऊपर वाले का शुक्र गुजार माना जाये। विदित होवे की यह कुपोषित  शिशुओं और उनकी माताओं के हक मे डाका डालने का काम इन दिनों कुछ ज्यादा ही बढ गयी जिसकी गूंज गाँव -गाँव तक सुनाई दे रही है। 

खेद जनक कहा जाये की पिछले महीने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में दाखिला मरीजों को भोजन न मिलने की खबरें प्रकाश में आयी थी, और अब एन आर सी केन्द्र में भी वही लापरवाही  उजागर हुई है,  हम यह तो नहीं  सकते की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ सी बी एम ओ एनआरसी के हिस्से और अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए आयी धन राशि में मुंह मार रहे हैं जिनसे उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा था परन्तु यह तो कहा ही जा सकता है कि वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली कुप्रबंधन की भीषण रूप से शिकार हो कर रह गयी है जिस पर सी बी एम ओ को खुद ही अस्पताल प्रबंधन की आंतरिक समीक्षा करते हुए इस पर आवश्यक बदलाव कर व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने की पहल करेंगे ‌ऐसी जनापेक्षा है।

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एक दिन में 105 चालान, 42 हजार का जुर्माना, 11 दिन में 700  चालान, 3 लाख का जुर्माना

अनूपपुर

सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर यातायात पुलिस द्वारा जिले में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में संचालित विशेष चेकिंग अभियान में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कठोर कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान एक ही दिन में 105 चालान काटे गए तथा 42,000 रुपए से अधिक का जुर्माना किया गया।

अभियान के तहत बिना हेलमेट, बिना बीमा, तेज गति, बिना निर्धारित नंबर प्लेट के  वाहन चलाने और आवश्यक दस्तावेजों की कमी जैसे मामलों पर प्रमुख रूप से कार्रवाई की गई। तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले चालकों को विशेष चेतावनी दी गई कि लापरवाही किसी भी समय गंभीर हादसे का कारण बन सकती है। यातायात पुलिस द्वारा  26 नवंबर से अब तक 700 से अधिक वाहन चालकों पर चालान कार्रवाई की गई है तथा 3 लाख रुपए से अधिक का दंड अधिरोपित गया है।  

चालान कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस द्वारा *जागरूकता अभियान* भी संचालित किया गया। प्रमुख चौराहों, बस स्टैंड और विद्यालयों में आमजन को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया गया। लोगों से हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनिवार्य उपयोग, नियंत्रित गति से वाहन चलाने तथा शराब सेवन के बाद वाहन न चलाने की अपील की गई।

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बोलेरो से 14 हजार की अवैध अंग्रेज़ी शराब की बरामद, तीन आरोपी गिरफ्तार

अनूपपुर

जिले के अमरकंटक पुलिस ने लालपुर क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए अंग्रेज़ी शराब की बड़ी खेप जब्त की है। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर अमरकंटक थाना पुलिस ने लालपुर मार्ग पर वाहनों की चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान संदिग्ध हालत में जा रही बोलेरो वाहन (एमपी 36 सी 3101) को रोककर तलाशी ली गई।

तलाशी के दौरान वाहन में छिपाकर रखी गई 72 क्वार्टर अंग्रेज़ी शराब, जिसकी अनुमानित कीमत 14 हजार रुपये बताई गई है, तथा 48 क्वार्टर प्लेन शराब बरामद हुई। महिंद्रा बोलेरो वाहन जिससे अवैध शराब परिवहन किया जा रहा था कीमती 10 लाख जप्त किया है पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों कुंज बिहारी जायसवाल, रंजीत रैकवार और वेदप्रकाश पांडे, तीनों निवासी राजेंद्रग्राम जिला अनूपपुर को पकड़ने में सफलता हासिल की।

पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी आसपास के क्षेत्रों में आपूर्ति के इरादे से शराब लेकर जा रहे थे। आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट की धारा 34 के तहत मामला दर्ज कर वाहन को भी जप्त कर लिया गया है। आगे की जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं।

इस पूरी कार्रवाई में  नगर निरीक्षक लाल बहादुर तिवारी के मार्गदर्शन एवं उपनिरीक्षक पी.एस. बघेल के नेतृत्व में पुलिस टीम अमलेश बघेल, पवन तिवारी, रवि पटेल और रघुराज सिंह ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में अवैध शराब परिवहन और बिक्री पर सख्त निगरानी के लिए अभियान आगे भी जारी रहेगा।

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अमृत योजना में स्वच्छता की अनदेखी, यात्रियों व रहवासियों के लिए ‘नरक’ बना स्टेशन परिसर

अनूपपुर

अमृत योजना के तहत अनूपपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प भले ही तेज रफ्तार से चल रहा हो, लेकिन स्टेशन परिसर के बाहर स्वच्छता की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। बाहरी क्षेत्र में सुलभ शौचालय न होने के कारण यात्रियों व स्थानीय रहवासियों को गंभीर दुर्गंध और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी बदहाल है कि लोग इसे ‘नरक जैसी परिस्थिति’ कहकर भड़क उठे हैं। योजना के तहत स्टेशन को आधुनिक बनाने, सुंदर बनाने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ देने के करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अनूपपुर स्टेशन एक महत्वपूर्ण जंक्शन होने के कारण प्रतिदिन हजारों यात्री यहाँ आते-जाते हैं।

लेकिन स्टेशन के बाहर सुलभ कंपलेक्स शौचालय न होने से लोग मजबूरी में खुले में मूत्र विसर्जन कर रहे हैं, जिससे बदबू के कारण आसपास के यात्रियों, दुकानदारों और रहवासियों का जीना दूभर हो गया है।स्टेशन के अंदर मौजूद शौचालय का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट लेने की अनिवार्यता लोगों को रोकती है। इस कारण अधिकांश लोग सामने स्थित खाली जगह का ही उपयोग कर रहे हैं, जिससे दुर्गंध और गंदगी फैल रही हैं।

रेलवे कॉलोनी में सफाई व्यवस्था ठप्प, ठेकेदार की लापरवाही,लोग  परेशान, रेलवे प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल


अनूपपुर

कोतमा रेलवे कॉलोनी में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है और स्थिति यह है कि यहां निवास करने वाले रेलवे कर्मचारी और उनके परिवार गंदगी, बदबू और बीमारी के खतरे के बीच रहने को मजबूर हैं। रेलवे प्रबंधन द्वारा हर वर्ष सफाई व्यवस्था के लिए लाखों रुपये का ठेका दिया जाता है, लेकिन उसके बावजूद कॉलोनी की स्थिति बदतर होती जा रही है। स्थानीय लोग इस स्थिति को रेलवे प्रबंधन और सफाई ठेकेदार की घोर लापरवाही का नतीजा बताते हैं।

कॉलोनी में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा हैं और लंबे समय से इन्हें हटाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। नालियाँ पूरी तरह जाम पड़ी हैं और उनमें से गंदा पानी निकलकर सड़कों पर फैल जाता है। इससे लोगों को रोजमर्रा के आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो सड़कें कीचड़ और दुर्गंध का केंद्र बन चुकी हैं। बरसात के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि पानी जमा होकर कई दिनों तक उसी तरह पड़ा रहता है

कॉलोनी में उगी झाड़ियाँ भी बड़ी समस्या बन चुकी हैं। इन झाड़ियों में जहरीले जीव-जंतु आसानी से छिप जाते हैं। रेल कर्मचारियों के अनुसार पिछले कुछ महीनों में सांप और बिच्छू कई घरों में घुस चुके हैं, जिससे कॉलोनी में रहने वाले परिवारों में डर का माहौल बना हुआ है। लोग बच्चों को अकेला बाहर खेलने देने से डरने लगे हैं और सुबह-शाम घर से बाहर निकलते समय भी अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ रही है।

रेलवे कॉलोनी में रहने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि ठेकेदार का स्टाफ केवल दिखावे के लिए थोड़ी बहुत सफाई करता है और फिर रिपोर्ट में पूरा क्षेत्र साफ दर्शाकर फाइल बन्द कर दी जाती है। कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण अक्सर कचरे को जलाकर खत्म किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान उठने वाला धुआं कॉलोनी के घरों में भर जाता है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी, आँखों में जलन और दमा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है।




निःशुल्क पेयजल सप्लाई में अध्यक्ष सीएमओ नाकाम, 5 दिनों से पंप हाउस में लटका ताला, वार्ड़वासी परेशान


अनूपपुर

नगर परिषद बरगवां वार्ड क्रमांक 01 को ओरिएंट पेपर में कागज कारखाना के द्वारा निशुल्क पेयजल की व्यवस्था लगभग 25 वर्षों से पाइपलाइन के माध्यम से प्रदत किया जा रहा है वही एसईसीएल के द्वारा 9 लाख 30 हजार की लागत से ओरिएंट पेपर मिल पाइप लाइन के माध्यम से दी जा रही पानी को भूमिगत स्टॉक टैंक बनाकर पूरे वार्ड में पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी वर्तमान स्थिति में नगर परिषद के द्वारा पानी की सप्लाई एवं पंप हाउस निगरानी में है लेकिन 5 दिनों से पेयजल की व्यवस्था पूर्ण रूप से बाधित है जिसके कारण वार्ड वासियों को  पीने के पानी को लेकर परेशानी हो रही है। वही नगर परिषद अध्यक्ष व सीएमओ मौन बैठे हैं, इनकी लापरवाही से 5 दिनों से पंप हाउस में ताला लटका हुआ हैं और ये लोग कुम्भकर्णी नींद में सो रहे है, क्या आम जनता इसी दिन के लिए वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाए थे। वैसे भी नगरपरिषद अध्यक्ष व उनके परिवार वालो के ऊपर सरकारी संसाधनो का घरेलू उपयोग के आरोप लग चुके हैं, जिसकी फोटो व वीडियो वायरल हों चुकी है।

पांच दिवस होने को आए फिर भी नगर परिषद के द्वारा पंप हाउस में लगे पंप रिपेयरिंग को लेकर लापरवाही के कारण वार्ड में रहने वाले लोगों को पीने के पानी को लेकर काफी दिक्कतेंहो रही है। पंप हाउस में ताला लटका हुआ है और बिगड़े हुए पंप को बनने के लिए दिया गया है वार्ड 01 के निवासी संजय तिवारी का कहना है कि फिर वही पुरानी स्थिति निर्मित हो गई है जो आज से 10 वर्षों पहले थी साइकिल में डिब्बे लटकाकर पानी ढोए जा रहे है।

वही वार्ड के निवासी भूषण तिवारी का कहना है कि बार-बार पंप हाउस में लगे पंप का जलना और फिर उसे रिपेयरिंग के लिए भेजना और इस बीच कई दिनों तक पीने की पानी के लिए काफी मशक्कत करने पड़ते हैं। सब कुछ होते हुए भी अव्यवस्था के कारण हो रहे जल समस्या का निदान नगर परिषद के लापरवाही के कारण बढ़ रही समस्या का जिम्मेदार कौन?

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