बिना टेंडर प्रक्रिया ट्रैक्टर पर लाखों की किया भुगतान, सीएमओ पर वित्तीय अनियमितताओं के लगे गंभीर आरोप
*रिटायरमेंट के 4 माह बाकी, बड़े अधिकारी बने मूकदर्शक, नगरपरिषद वनगंवा का मामला*
इंट्रो-नगर परिषद बनगवा में लाखों रुपये के कार्य बिना टेंडर प्रक्रिया कराए भुगतान किए जाने के गंभीर आरोप लग रहे है, सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद बनगवा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के स्तर पर हो रही इन कथित वित्तीय अनियमितताओं पर संयुक्त संचालक शहडोल की चुप्पी आखिर क्यों बरकरार हैं। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सीएमओ द्वारा तीन ट्रैक्टरों के माध्यम से लगातार कार्य कराए गए और 1 लाख की सीमा के बावजूद कई लाखों की भुगतान राशि बिना किसी वैधानिक ई-टेंडर प्रक्रिया के जारी की गई जबकि संयुक्त संचालक कार्यालय की निगरानी और अनुमोदन व्यवस्था होने के बाद भी उच्च अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं।इन आरोपों ने पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं कि क्या यह लापरवाही है या संरक्षण, क्योंकि नगर पालिका अधिनियम और वित्तीय नियम ऐसे मामलों में स्पष्ट रूप से टेंडर प्रक्रिया और जवाबदेही तय करते हैं।
अनूपपुर
नगर परिषद बनगवा में वित्तीय नियमों को दरकिनार कर कार्य कराने और कई लाखों रुपये के भुगतान किए जाने के आरोप गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। स्थानीय सूत्रों और जनता, जनप्रतिनिधियों के बताये अनुसार नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा तीन ट्रैक्टर लगाकर किसी वैधानिक टेंडर प्रक्रिया के कराए तथा 1 लाख की निर्धारित टेबल-टेंडर सीमा से अधिक भुगतान किए जाने की बात सामने आ रही है।
*नियम कानून दरकिनार*
नगर परिषद बनगवा द्वारा नगर पालिका अधिनियम को दरकिनार कर सीएमओ,अध्यक्ष व कुछ जनप्रतिनिधियों के साथ साठ- गांठ कर सरकारी पैसों का बंदर बात किया जा रहा है, नगर परिषद क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि नियम विरुद्ध तरीके से बिना टेंडर प्रक्रिया ही तीन ट्रैक्टरों का कई लाखों रुपए का भुगतान हो चुका है, हालाकि यह विषय जांच का है, लेकिन उक्त मामले में आरोप है कि जिसका भुगतान किया गया वे नगर परिषद के वित्तीय नियमों एवं म.प्र. नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध है, जहाँ 1 लाख से अधिक के कार्यों पर ई-टेंडर अनिवार्य है। इसके बावजूद लगातार कई बार कई लाखों मे खर्च किए जाने की चर्चा नगर परिषद क्षेत्र में तेज है, हालाकि गंभीर अनीयमित्ता को लेकर कई बार शिकायत भी उच्च अधिकारियों तक जा चुकी है, लेकिन कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं संरक्षण देने की ओर प्रदर्शित करता है।
*बिना टेंडर के कार्य शुरू*
नगर परिषद के आंतरिक स्रोतों एवं जनप्रतिनिधियों के मुताबित नियमित रूप से तीन ट्रैक्टरों का उपयोग नगर परिषद क्षेत्र में चल रहा हैं, जिसका कोई भी टेंडर प्रक्रिया नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक उक्त वाहन का लगभग टेबल टेंडर के माध्यम से कई लाखों का भुगतान हो चुका है, हालांकि नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि इतना भुगतान उक्त गाड़ियों में किया गया है, इतने खर्चे पर तो लगभग 20 वाहन नये आ जाएंगे कार्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर भुगतान करना भुगतान राशि कई लाखों तक पहुँचना सबसे बड़ी बात है, यह पूरा कार्य बिना ओपन टेंडर बिना प्रक्रिया के की जा रही है। इससे नगर परिषद के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।
*नपा अधिनियम की उड़ा रहे धज्जियाँ*
नगर परिषदों में 1 लाख तक के कार्य टेबल टेंडर/क्वोटेशन एवं 1 लाख से अधिक के कार्य ई-टेंडर से कराए जाना अनिवार्य है। सूत्रों का कहना है कि बनगवा नगर परिषद में इन नियमों का पालन नहीं किया गया। जो कि कहीं ना कहीं गंभीर वित्तीय अनियमितता, नियमों का उल्लंघन, कृत्रिम विभाजन, पद के दुरुपयोग है, शहडोल में बैठे उच्च अधिकारी इस नियम का पालन करवाने में असमर्थ साबित हो रहे है। मामले की शिकायतें कई बार की गईं लेकिन जिला स्तर के उच्च अधिकारी, संयुक्त संचालक विभाग शहडोल के जिम्मेदार अधिकारी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या जांच न होने के कारण लोग नाराज़ हैं।नागरिकों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर भुगतान रजिस्टर की जांच, ट्रैक्टर मालिकों के बिल और रजिस्टरों की जांच तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
इनका कहना है।
इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है, मैं जानकारी लेकर बताता हूँ।
*राममिलन तिवारी सीएमओ बनगवा*
हमारे यहां कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है, फिर भी हम नोटिस जारी कर दिए है
*आर.पी. मिश्रा, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल*