दबंग पब्लिक प्रवक्ता

दो दशक में नहीं मिली आशा कार्यकर्ता, खाद्य सुरक्षा पर सवाल, वर्षो से चल रही इकाइयों पर कार्यवाही शून्य


उमरिया

राष्टीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार ने गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आशा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2005 में रखते हर गांव में सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट वर्कर गाँव गाँव में रखा जाना था। यह आशा कार्यकर्ता  ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की पहली लाइन के रूप में काम करती है, लेकिन खेद जनक कहा जाये की उमरिया जिले में आज भी ऐसे गाँव है जहाँ पर दो दशक बीत जाने के बाद भी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति नही की जा सकी। 

उमरिया जिले का आदिवासी विकास खंड पाली के कठई ग्राम पंचायत का बैगा गाँव जहाँ पर शत प्रतिशत बैगा निवासरत वहाँ भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की नजर आज तक नहीं पहुंची। आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति को लेकर अनेकों बार ग्राम सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित कर आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति संबंधित प्रस्ताव और मूल आवेदन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में बीपीएम जियाउद्दीन खान को देकर आवेदन किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा। आश्चर्य जनक कहा जाये की आशा कार्यक्रम को दो दशक पूरे होने के बाद आज तक आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति न हो पाना विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली को उजागर कर रही है की आखिर कार आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति में और कितने दशक लगेगे।

खाद्य सुरक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल, वर्षों से चल रही इकाइयों पर कार्रवाई शून्य, त्योहारों में ही जागता विभाग

उमरिया

जिले के कोयलारी क्षेत्र में आटा निर्माण इकाई पर बड़ी कार्रवाई के बाद अब पाली नगर में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। नगर में वर्षों से संचालित आटा निर्माण कंपनियों पर विभाग की नज़र न पड़ना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं या फिर कार्रवाई सिर्फ चुनिंदा मौकों तक सीमित है।

स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों का कहना है कि त्योहारों के दौरान तो विभाग सक्रिय दिखता है लेकिन बाकी समय कार्रवाई लगभग शून्य रहती है। इसी ढिलाई का नतीजा है कि पाली क्षेत्र में आए दिन थोक में एक्सपायरी डेट का माल दुकानों तक पहुँच जाता है, जिसकी शिकायतों पर भी विभाग केवल खानापूर्ति कर मामले रफादफा कर देता है।

बाजार में यह भी चर्चाएँ गर्म हैं कि कुछ आटा निर्माण इकाइयाँ लंबे समय से बिना किसी प्रभावी निरीक्षण के संचालित हो रही हैं। मानकों के अनुपालन स्वच्छता और लेबलिंग को लेकर इन इकाइयों की स्थिति क्या है इस पर विभाग की चुप्पी नए सवाल खड़े करती है।

यातायात विभाग द्वारा नाकेबंदी कर की जा रही अवैध वसूली, लगाई जाए रोक, जनता हो रही परेशान


अनूपपुर

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने जिला के यातायात विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यातायात विभाग अपने मूल कर्तव्यों से भटककर जिले की जनता को परेशान करने में लगा हुआ है। यातायात प्रभारी समेत उनके कर्मचारी और अधिकारी शहर की यातायात व्यवस्था संभालने के बजाय बाहरी मार्गों पर वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को भारी कठिनाई हो रही है। जिला यातायात प्रभारी को फुनगा यातायात चौकी का भी प्रभारी बनाकर रखा गया है और खुली लूट करने की परमिशन दी गई है जिनकी मनमानी चरम सीमा पर है।

राजेश सिंह ने बताया कि अधिकारी एवं कर्मचारी अमरकंटक ,जैतहरी और कोतमा मार्ग जैसे विभिन्न प्रमुख रास्तों पर नाकेबंदी कर, हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस प्रमाण पत्र और प्रदूषण नियंत्रण जैसे नियम बताकर वाहन चालकों से अनुचित वसूली करते हैं। यह कार्य न सिर्फ गलत है, बल्क‍ि इससे जनता का काफी नुकसान हो रहा है। 8 दिसंबर 2025 को अमरकंटक टोल नाका के पास तथा फुनगा, अनूपपुर कोतमा मार्ग  भोलगढ़ के पास दिनभर वाहन चेकिंग के नाम पर आवागमन करने वालों को परेशान किया गया और उनसे अवैध वसूली की गई।

उन्होंने कहा कि यातायात विभाग के कर्मचारी सड़क पर यमराज की तरह वसूली करते दिख रहे हैं, जो लोगों के लिए काफी परेशान करने वाला है। इसलिए भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने अनूपपुर पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है कि वे तत्काल कार्रवाई करते हुए ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाएं और अवैध नाकेबंदी व वसूली को तुरंत बंद कराएं ताकि जिले की जनता को राहत मिल सके।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई ने तुलसी महाविद्यालय की तालाबंदी कर किया उग्र आंदोलन


अनूपपुर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा अनूपपुर शहर के सबसे बड़े महाविद्यालय तुलसी कॉलेज की तालाबंदी कर 3 घंटे तक उग्र आंदोलन किया गया, आंदोलन के दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जल्दी ही समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो छात्र सड़क पर बैठकर भी आंदोलन करेगा जिसका जिम्मेदार महाविद्यालय प्रशासन होगा। आए दिन देखा जाता है कि महाविद्यालय की छात्र-छात्रा कई समस्याओं को लेकर परेशान रहते हैं जैसे हाल ही में आए प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र में आक्रोश है, नियमित कक्षाओं का संचालन न होना ,महाविद्यालय परिसर के अंदर शिक्षक नशा करके आते हैं, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था हेतु सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था का ना होना जिसके कारण बाहर के असामाजिक तत्व कॉलेज में प्रवेश करते हैं, अंकसूची, टीसी के नाम पर पैसा वसूली का काम किया जाता है, छात्रों के लिए पेयजल शौचालय व्यवस्था व छात्राओं के लिए सेनेटरी वेंडिंग मशीन की व्यवस्था का ना होना ,शिक्षकों द्वारा बच्चों को गुमराह करना, कुछ विषयों के शिक्षक न होना, जन भागीदारी मदद से महाविद्यालय में कराए गए कार्यों  में धाधलेबाजी करना ,लाइब्रेरी को संचालित ना करना, महाविद्यालय के जमीन पर निर्मित खेल मैदान का आधिपत्य नगर पालिका की वजह महाविद्यालय को देना, महाविद्यालय के दोनों मुख्य द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था करना, छात्रों के लिए प्रैक्टिकल व्यवस्था करना बस की व्यवस्था करना, आदि कई प्रमुख मांगों को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एवं तुलसी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मिलकर महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर उग्र आंदोलन किया।

आंदोलन के दौरान अनुविभागीय एसडीएम अधिकारी व महाविद्यालय के प्राचार्य उपस्थित रहे। जिला प्रशासन एवं महाविद्यालय प्रशासन के माध्यम से यह आश्वासन दिया गया की 15 दिवस के अंदर सारी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। यदि इन प्रमुख मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद पुनः उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा जिसका जिम्मेदार महाविद्यालय प्रशासन होगा।

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