दबंग पब्लिक प्रवक्ता

वन परिक्षेत्र में संदिग्ध अवस्था मे मिला बाघ का मिला 


उमरिया

जिले के सामान्य वन मंडल अंतर्गत चंदिया वन परिक्षेत्र में बाघ का शव मिलने की सूचना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी मिलते ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र में घेरा बनाकर जंगल में सघन सर्चिग अभियान शुरू कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार चंदिया वन परिक्षेत्र के आरएफ-10 क्षेत्र में कर्वी नदी के किनारे संदिग्ध परिस्थिति सामने आई है, जिसके बाद वन विभाग सतर्क हो गया है। मौके पर एसडीओ कुलदीप त्रिपाठी सहित चंदिया वन परिक्षेत्र की टीम जांच में जुटी हुई है। 

जांच के दौरान डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया है। एहतियात के तौर पर घटनास्थल के आसपास रस्सी से घेराबंदी की गई है। साथ ही पास से गुजर रही बिजली लाइन की भी सर्चिग और जांच की जा रही है।बाघ के गणना के बीच बाघ कम मिलने की यह खबर बाघ प्रेमियों के लिए निराशाजनक मानी जा रही है। वन विभाग का कहना है कि जांच बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

बिना टेंडर प्रक्रिया ट्रैक्टर पर लाखों की किया भुगतान, सीएमओ पर वित्तीय अनियमितताओं के लगे गंभीर आरोप

*रिटायरमेंट के 4 माह बाकी, बड़े अधिकारी बने मूकदर्शक, नगरपरिषद वनगंवा का मामला*


इंट्रो-नगर परिषद बनगवा में लाखों रुपये के कार्य बिना टेंडर प्रक्रिया कराए भुगतान किए जाने के गंभीर आरोप लग रहे है, सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद बनगवा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के स्तर पर हो रही इन कथित वित्तीय अनियमितताओं पर संयुक्त संचालक शहडोल की चुप्पी आखिर क्यों बरकरार हैं। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सीएमओ द्वारा तीन ट्रैक्टरों के माध्यम से लगातार कार्य कराए गए और 1 लाख की सीमा के बावजूद कई लाखों की भुगतान राशि बिना किसी वैधानिक ई-टेंडर प्रक्रिया के जारी की गई जबकि संयुक्त संचालक कार्यालय की निगरानी और अनुमोदन व्यवस्था होने के बाद भी उच्च अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं।इन आरोपों ने पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं कि क्या यह लापरवाही है या संरक्षण, क्योंकि नगर पालिका अधिनियम और वित्तीय नियम ऐसे मामलों में स्पष्ट रूप से टेंडर प्रक्रिया और जवाबदेही तय करते हैं।

अनूपपुर

नगर परिषद बनगवा में वित्तीय नियमों को दरकिनार कर कार्य कराने और कई लाखों रुपये के भुगतान किए जाने के आरोप गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। स्थानीय सूत्रों और जनता, जनप्रतिनिधियों के बताये अनुसार नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा तीन ट्रैक्टर लगाकर किसी वैधानिक टेंडर प्रक्रिया के कराए तथा 1 लाख की निर्धारित टेबल-टेंडर सीमा से अधिक भुगतान किए जाने की बात सामने आ रही है।

*नियम कानून दरकिनार*

नगर परिषद बनगवा द्वारा नगर पालिका अधिनियम को दरकिनार कर सीएमओ,अध्यक्ष व कुछ जनप्रतिनिधियों के साथ साठ- गांठ कर सरकारी पैसों का बंदर बात किया जा रहा है, नगर परिषद क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि नियम विरुद्ध तरीके से बिना टेंडर प्रक्रिया ही तीन ट्रैक्टरों का कई लाखों रुपए का भुगतान हो चुका है, हालाकि यह विषय जांच का है, लेकिन उक्त मामले में आरोप है कि जिसका भुगतान किया गया वे नगर परिषद के वित्तीय नियमों एवं म.प्र. नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध है, जहाँ 1 लाख से अधिक के कार्यों पर ई-टेंडर अनिवार्य है। इसके बावजूद लगातार कई बार कई लाखों मे खर्च किए जाने की चर्चा नगर परिषद क्षेत्र में तेज है, हालाकि गंभीर अनीयमित्ता को लेकर कई बार शिकायत भी उच्च अधिकारियों तक जा चुकी है, लेकिन कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं संरक्षण देने की ओर प्रदर्शित करता है।

*बिना टेंडर के कार्य शुरू*

नगर परिषद के आंतरिक स्रोतों एवं जनप्रतिनिधियों के मुताबित नियमित रूप से तीन ट्रैक्टरों का उपयोग नगर परिषद क्षेत्र में चल रहा हैं, जिसका कोई भी टेंडर प्रक्रिया नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक उक्त वाहन का लगभग टेबल टेंडर के माध्यम से कई लाखों का भुगतान हो चुका है, हालांकि नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि इतना भुगतान उक्त गाड़ियों में किया गया है, इतने खर्चे पर तो लगभग 20 वाहन नये आ जाएंगे कार्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर भुगतान करना भुगतान राशि कई लाखों तक पहुँचना सबसे बड़ी बात है, यह पूरा कार्य बिना ओपन टेंडर बिना प्रक्रिया के की जा रही है। इससे नगर परिषद के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।

*नपा अधिनियम की उड़ा रहे धज्जियाँ*

नगर परिषदों में 1 लाख तक के कार्य टेबल टेंडर/क्वोटेशन एवं 1 लाख से अधिक के कार्य ई-टेंडर से कराए जाना अनिवार्य है। सूत्रों का कहना है कि बनगवा नगर परिषद में इन नियमों का पालन नहीं किया गया। जो कि कहीं ना कहीं गंभीर वित्तीय अनियमितता, नियमों का उल्लंघन, कृत्रिम विभाजन, पद के दुरुपयोग है, शहडोल में बैठे उच्च अधिकारी इस नियम का पालन करवाने में असमर्थ साबित हो रहे है। मामले की शिकायतें कई बार की गईं लेकिन जिला स्तर के उच्च अधिकारी, संयुक्त संचालक विभाग शहडोल के जिम्मेदार अधिकारी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या जांच न होने के कारण लोग नाराज़ हैं।नागरिकों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर भुगतान रजिस्टर की जांच, ट्रैक्टर मालिकों के बिल और रजिस्टरों की जांच तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

इनका कहना है।

इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है, मैं जानकारी लेकर बताता हूँ।

*राममिलन तिवारी सीएमओ बनगवा*

हमारे यहां कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है, फिर भी हम नोटिस जारी कर दिए है 

*आर.पी. मिश्रा, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल*

वन विभाग ने अवैध फर्नीचर फैक्ट्री में मारा छापा, नीलगिरी की लकड़ी से भरा पीकप जप्त


शहडोल

जिले में अवैध लकड़ी कारोबार के खिलाफ वन विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए एक ही दिन में दो बड़ी छापामार कार्रवाइयों को अंजाम दिया। इन कार्रवाइयों में जहां एक ओर घर में संचालित अवैध फर्नीचर फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया। वहीं, दूसरी ओर बिना वैध दस्तावेजों के नीलगिरी लकड़ी का परिवहन करते हुए एक पिकअप वाहन को जब्त किया गया। यह कार्रवाई मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त शहडोल अनुपम सहाय के निर्देशन तथा वन मण्डलाधिकारी दक्षिण शहडोल श्रद्धा पन्द्रे और उप वन मण्डलाधिकारी जैतपुर विनोद जाखड़ के मार्गदर्शन में की गई।

पहली कार्रवाई बुढ़ार वन परिक्षेत्र में की गई, जहां सीताराम उर्फ सुरेश चौधरी (61 वर्ष) के निवास पर छापा मारा गया। जांच के दौरान घर में अवैध रूप से संचालित फर्नीचर निर्माण कार्य सामने आया। मौके से बबूल और खम्हेर प्रजाति की लकड़ी से बने 7 सिंगल पल्ला दरवाजे, 1 से 2 डबल पल्ला दरवाजे, 4 सेट सोफा सहित विभिन्न आकार के कुल 274 नग चिरान (1.061 घन मीटर सतकठा प्रजाति) जब्त किए गए। इसके अलावा फर्नीचर निर्माण में उपयोग होने वाले रमदा, सिकंजा, बसूला, आरी, कटर मशीन, टूल मशीन सहित कुल 29 औजार भी बरामद किए गए। इस मामले में वन अपराध पंजीबद्ध किया गया।

दूसरी कार्रवाई जैतपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मौहार टोला (नगपुरा) मार्ग पर की गई। यहां संदिग्ध पिकअप वाहन क्रमांक MP18GA5083 को रोका गया। वाहन चालक जुगेन्द्र यादव (18 वर्ष), निवासी बैराग, लकड़ी परिवहन से संबंधित कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। वाहन में करीब 3 घन मीटर नीलगिरी लकड़ी लदी हुई पाई गई। मध्य प्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 2022 की धारा 3, 7, 14 एवं 15 के उल्लंघन पर वन अपराध दर्ज कर वाहन जब्त कर लिया गया।

इन दोनों कार्रवाइयों में बुढ़ार और जैतपुर वन परिक्षेत्र के संयुक्त वन अमले की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध कटाई, भंडारण और परिवहन के खिलाफ भविष्य में भी इसी तरह सख्त अभियान जारी रहेगा।

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