शासन द्वारा तय वेतन की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे चालक


उमरिया

मध्यप्रदेश प्रदेश ड्राइवर महासंघ उमरिया की एक महती बैठक आयोजित की गयी इस बैठक में जिले के सैकड़ों चालकों ने भाग लिया।बैठक में चालकों की एक सूत्रीय मांग पर विचार किया गया। विदित होवे की साऊथ ईस्ट कोल कंपनी जोहिला एरिया के कंचन ओपन कास्ट में चल रहे भारी वाहनों में कार्यरत चालकों का भारी शोषण किया जा रहा है। मालूम होवे की शासन व्दारा चालकों की दैनिक मजदूरी 1350=00 रूपये तय की गयी है लेकिन चालकों से आधी अधूरी मजदूरी देकर काम कराया जा रहा है जिसके विरोध में मध्यप्रदेश डाइवर महासंघ ने आज बैठक आयोजित कर चरण बद्ध आंदोलन का निर्णय लिया है। पहले चरण में शासन -प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मध्यप्रदेश शासन के व्दारा तय वेतन की मांग की जायेंगी, और मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में महासंघ उग्र आंदोलन छेडते हुए काम बन्द हड़ताल की जायेगी। मालुम हो की एस ई सी एल सेमी गर्वनमेन्ट कंपनी होने के बाबजूद ठेका कंपनियों के व्दारा श्रमिकों का बददस्तूर शोषण किया जा रहा है जबकि प्रिसिंपल एम्पलाइज होने के नाते एस ई सी एल की जिम्मेदारी होती है कि किसी भी श्रमिक का शोषण ठेकेदार या वाहन मालिकों के व्दारा न किया जाये फिर भी ठेका श्रमिकों, वाहन चालकों के शोषण अनवरत रूप से जारी है। देखना होगा की श्रमिक शोषण के इस संवेदनशील मामले मे प्रबंधन और प्रशासन क्या कदम उठाती है। 

बैठक में मध्यप्रदेश ड्राइवर महासंघ   ने संकल्प लिया है कि नशे की हालत में गाड़ी नहीं चलाएंगे नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे, उक्ताशय का संंकल्प राजू रैदास के नेतृत्व में संपंन हुई।

दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर ने बाइक को मारी जोरदार टक्कर, घटनास्थल पर युवक ने तोड़ा दम


शहडोल

जिले में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार दोपहर ब्यौहारी थाना क्षेत्र के पसगड़ी तिराहे पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक सवार को ज़ोरदार टक्कर मार दी, जिसके बाद ट्रैक्टर चालक वाहन ले कर मौके से फरार हो गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की।

पुलिस के अनुसार यह हादसा दोपहर लगभग तीन बजे हुआ जब बाइक सवार युवक सूरज यादव पिता शिवू कुमार (23), निवासी उफरी, अपनी बाइक से ब्यौहारी की ओर आ रहा था। तभी पसगड़ी तिराहे के पास सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उसे जोरदार ठोकर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि युवक सड़क किनारे गिरकर अचेत हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे को देखकर वहां मौजूद लोग दौड़ पड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्घटना होते ही ट्रैक्टर चालक बिना रुके वाहन सहित फरार हो गया। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने स्थिति को देखते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही ब्यौहारी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा तैयार कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। पुलिस अब अज्ञात ट्रैक्टर और फरार चालक की तलाश में जुट गई है। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और माहौल गमगीन हो गया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रैक्टर की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

नर्मदा तट पर बसा गांव बना संत-महात्माओं की तपोभूमि, प्रकृति की गोद में आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरता गांव


अनूपपुर

पवित्र नगरी अमरकंटक से लगभग 15 किलोमीटर दूर हरे भरे पहाड़ियों से  आच्छादित अत्यंत शांत प्रिय कल कल निनाद करती मां नर्मदा की जलधारा तट से निकलते हर हर नर्मदे करते नर्मदा परिक्रमा वासी ऐसे मनोरम वादियों के तराई में बसा हुआ। मां नर्मदा के पावन तट पर स्थित छोटा सा गांव दमगढ आज अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी गहरी आध्यात्मिक पहचान के कारण क्षेत्र ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी विशेष रूप से जाना जाने लगा है। चारों ओर फैली हरियाली, शांत वातावरण और कल-कल बहती नर्मदा की निर्मल धारा इस गांव को एक अलौकिक अनुभूति प्रदान करती है। यही कारण है कि यहां देश के विभिन्न हिस्सों से संत-महात्मा साधना और तपस्या के लिए पहुंचते हैं।

नर्मदा नदी के किनारे बसा दमगढ़ गांव प्रकृति की गोद में स्थित एक ऐसा शांत और पवित्र स्थल है, जहां कदम रखते ही मन को अद्भुत शांति का अनुभव होता है। गांव के आसपास घने जंगल, छोटी-बड़ी पहाड़ियां और स्वच्छ वातावरण इस क्षेत्र को एक तपोस्थली के रूप में विशेष पहचान दिलाते हैं। वर्षों से संत-महात्मा यहां नियमित रूप से आकर ध्यान, साधना और तपस्या करते आ रहे हैं। उनकी उपस्थिति से गांव का वातावरण और भी अधिक धार्मिक एवं आध्यात्मिक बन गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि यहां का प्राकृतिक परिवेश ध्यान और अध्यात्म के लिए अत्यंत अनुकूल है। साधु-संतों के निरंतर आगमन से गांव में भजन-कीर्तन, ध्यान-साधना और धार्मिक आयोजनों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। इससे न केवल गांव का आध्यात्मिक महत्व बढ़ा है, बल्कि पूरे क्षेत्र में धार्मिक चेतना का भी व्यापक प्रसार हुआ है।।

हर वर्ष गांव में धार्मिक अनुष्ठान, ध्यान शिविर, हवन-पूजन और श्रद्धालुओं का आगमन लगातार बढ़ रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव स्थानीय आर्थिक गतिविधियों पर भी देखने को मिल रहा है। श्रद्धालुओं और साधकों के आगमन से छोटे व्यापार, आवास, भोजन व्यवस्था और स्थानीय सेवाओं को बढ़ावा मिला है, जिससे ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं। यह गांव एक आध्यात्मिक साधना स्थल और शांत धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है।

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