यमराज उतरे धरती यमराज, संभाली यातायात व्यवस्था, संत रामदास का हुआ निधन


अनूपपुर

पर सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से आज अनूपपुर जिले में एक अनूठी पहल देखने को मिली। शहडोल से आए *आर्टिस्ट श्री प्रकाश राव* ने यमराज का रूप धारण कर बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट चलने वाले वाहन चालकों को रोककर यातायात का *विशेष पाठ* पढ़ाया। यमराज के आकर्षक और हास्य-भरे अंदाज को देखकर राहगीर भी रुककर नियमों की जानकारी लेते नजर आए। नियमों का पालन नहीं तो अगला सफर मेरे साथ, हेलमेट ना पहनकर तुमने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी है,एक्सेप्ट कर लू क्या जैसे डायलॉग ने लोगों का ध्यान खींचा।

यह विशेष जागरूकता अभियान पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर आयोजित किया गया। शहर के प्रमुख स्थानों पर यह गतिविधि पूरे दिन आकर्षण का केंद्र बनी रही। विशेष अभियान रेलवे स्टेशन तिराहा,बस स्टैंड,सामतपुर,कलेक्ट्रेट ऑफिस मुख्य मार्ग,अंडरब्रिज तिराहा,इंद्रा तिराहा आदि विभिन्न स्थानों पर चलाया गया।

हर स्थान पर यमराज लोगों को रुकवाकर हंसी-ठिठोली के साथ समझाते दिखे। इस अभियान से बड़ी संख्या में लोगों ने यातायात नियमों का महत्व समझा। यातायात पुलिस अनूपपुर द्वारा लगातार आमजन को जागरूक करने के लिए अलग अलग प्रयास किए जा रहे है जो निरंतर जारी रहेंगे। 

*संत रामदास का हुआ निधन*


अनूपपुर जिले के अमरकंटक के पंचधारा में पिछले 35 वर्षों से तपस्या कर रहे संत रामदास का रविवार रात को निधन हो गया है। उन्हें लगभग 5000 भाषाओं का ज्ञान होने का दावा किया जाता है, जिसे उन्होंने एक पुस्तक में भी लिपिबद्ध किया गया है। उनके निधन से उनके शिष्यों और भक्तों में शोक का माहौल है।

संत रामदास को 5000 भाषाओं का ज्ञान होने की बात कही जाती थी। उन्होंने इस ज्ञान को अपनी एक पुस्तक में संकलित भी किया था। अमरकंटक को प्राचीन काल से ही संत-महात्माओं की तपोस्थली के रूप में जाना जाता रहा है, और संत रामदास भी इसी परंपरा का हिस्सा थे।

पुष्पराजगढ़ के पूर्व विधायक सुदामा सिंह ने संत रामदास के निधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराज के कई शिष्य और भक्त जिले के भीतर और बाहर से उनसे जुड़े हुए थे। स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के बुलडाना स्थित चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जहां उनका स्वर्गवास हो गया। संत रामदास का अंतिम संस्कार उनकी जन्मस्थली लावा घुघरी, पांढुरना, छिंदवाड़ा में किया जाएगा।

अवैध पशु परिवहन कर रहा पीकप पलटा, पशु तस्कर हुए फरार, मामला दर्ज


शहडोल

एक पिकअप वाहन में मवेशियों को क्रूरता पूर्वक भर कर पशु तस्कर रीवा की ओर जा रहे थे,उसके पहले ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसे छोड़कर तस्कर तो भाग गए,लेकिन पुलिस ने पिकअप वाहन से 7 नग पड़ा (मवेशी) तस्करों के कब्जे से मुक्त कराया है। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त पिकअप वाहन को अपने कब्जे में लिया है। वाहन नंबर के अनुसार पुलिस जांच कर रही है, वाहन मालिक और चालक का पुलिस पता लगाने में जुटी हुई है।घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के चुहरा गांव की है।

पुलिस ने बताया कि यह घटना गुर्रा बुढार मार्ग में बीती रात्रि हुई है। चूहरा गांव में पिकअप वाहन का डायर फट जाने से वाहन अनियंत्रित हो गया और सड़क पर जा पलटा। तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग घरों से निकले तो वाहन में सवार तस्कर भाग गए। स्थानीय लोगों ने मवेशियों की चीख पुकार सुन मवेशियों को पिकअप वाहन में बंधी रस्सी खोल कर बाहर निकला और पुलिस को सूचना दी।

सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दुर्घटनाग्रस्त पिकअप वाहन को अपने कब्जे में लिया है। पुलिस के अनुसार एमपी 65 जेड सी 6383 वाहन में 7 नग पड़ा मिले है। पुलिस के अनुसार सभी मवेशी सुरक्षित हैं। पुलिस ने मवेशियों को सुरक्षित स्थान में पहुंचा है।

थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है, वाहन में जो नंबर लिखा है, उसके बारे में भी पता करवाया जा रहा है। हम तस्करों तक तक जल्द पहुंचेंगे। पुलिस अनुमान लगा रही है कि पिकअप में मवेशियों को क्रूरता पूर्वक भरकर कर यूपी की ओर ले जाया जा रहा था।उसके पहले ही वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया और तस्करों के मंसूबे में पानी फिर गया।

वाहन पर पुलिस ने लगाया 10 हजार का जुर्माना, बिना परमिट-फिटनेस के चल रही थी बस


शहडोल

जिले में यात्री बसों के संचालन में हो रही गंभीर लापरवाहियां एक बार फिर सामने आई हैं। जहां एक ओर यातायात विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, वहीँ परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बस मालिकों की ढीली व्यवस्थाओं के चलते यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। ताज़ा मामले में बिना परमिट और बिना फिटनेस के चल रही बसों को पकड़ा गया, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया।

जानकारी के अनुसार, रीवा रोड पर यातायात टीम द्वारा बसों की चेकिंग की गई। इस दौरान दादू एंड संस की बस एमपी 17 पी 1248 को रोका गया। जांच के दौरान बस फिटनेस में फेल पाई गई। बस का इमरजेंसी एग्जिट विंडो भी खुल नहीं रहा था, जिसे ड्राइवर ने पाना (स्पैनर) की मदद से खोलने की कोशिश की। यह स्थिति यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर गंभीर लापरवाही को दर्शाती है। मौके पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पांच हजार का चालान बनाया गया।

इसी दौरान एक और बड़ा मामला सामने आया। कैपिटल बस क्रमांक एमपी 18 पी 0206, जिसे ब्यौहारी से प्रयागराज के लिए एक दिन का विशेष परमिट दिया गया था, वह नियमों का उल्लंघन करते हुए शहडोल बस स्टैंड से स्टेज कैरिज परमिट के रूप में संचालित की जा रही थी। बस में शहडोल से गोपारू, खन्नौधी, जयसिंहनगर तक जाने वाले यात्री बैठे हुए मिले, जबकि बस के पास इन मार्गों पर संचालित होने का परमिट नहीं था। बिना परमिट संचालन करते पाए जाने पर 10,हजार का चालान लगाया गया।

इन दोनों मामलों में कार्रवाई यातायात सूबेदार प्रियंका शर्मा द्वारा की गई। लगातार सामने आ रही इस तरह की लापरवाहियां इस ओर इशारा करती हैं कि बस मालिक सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर मनमानी पर उतारू हैं। वहीं परिवहन विभाग की निगरानी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभियान और सख्त होने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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