प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संयोजन में हिंदी प्रेमियों को दिया हिंदी रत्न सम्मान


 जबलपुर

संस्कारधानी जबलपुर की क्रियाशील संस्था सशक्त हस्ताक्षर के आयोजन एवं प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संयोजन में हिंदी प्रेमियों को हिंदी रत्न सम्मान प्रदान किया गया। 

शशि प्रकाश सिन्हा झारखंड , डॉ जया सुभाष बागुल जालना , डॉ संगीता भारद्वाज भोपाल , डॉ सतीश कुमार झालावाड़ राजस्थान , संतोष कुमार मिश्र 'असाधु' जबलपुर , डॉ ओम ऋषि भारद्वाज एटा उत्तर प्रदेश , मदनमोहन पाण्डेय कुशीनगर उत्तर प्रदेश , डॉ आचार्य धनंजय पाठक, डाल्टनगंज, पलामू झारखण्ड , डॉ उर्मिला कुमारी 'साईप्रीत' कटनी मध्यप्रदेश , डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र 'आदित्य' लखनऊ , अशोक झारिया शफ़क़ बॉलीवुड राइटर (मुंबई) लखनादौन जबलपुर , डॉ शरद शर्मा मुरैना , डॉ. हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम' मेहरा बैतूल , प्रकाश सिंह ठाकुर जबलपुर ,  इंद्र सिंह राजपूत इन्द्राना , आरती बड़ोदे 'प्रियाश्री' मेहरा बैतूल ,  रश्मि पांडेय शुभि जबलपुर , डॉ मनोरमा रमेश गुप्ता बांसुरी जबलपुर , उमा गोविंद सुहाने रायपुर , दीप्ति खरे मंडला मध्यप्रदेश , डॉ रामप्रवेश पंडित, पलामू झारखण्ड , निर्मला डोंगरे सिहोरा मध्यप्रदेश , कवि कृष्ण वियोगी आगरा , ऊषा जैन 'उर्वशी' कोलकाता , फराह नसीम केरल , आशीष उर्मलिया जबलपुर , गायत्री सराफ जबलपुर ,भूपेन्द्र श्रीवास्तव जबलपुर, तरुणा खरे जबलपुर, सिद्धेश्वरी सराफ ' शीलू' जबलपुर को हिंदी रत्न सम्मान प्रदान किया गया।

इस अवसर पर जगतबहादुर सिंह अन्नू , रिंकुज विज ' रिंकू' रत्ना श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार जानी, उमेश साहू ' ओज' , विजय तिवारी 'किसलय',  आनन्द ज्योति पाठक, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, कवि संगम त्रिपाठी, राजेश पाठक प्रवीण, महामहोपाध्याय आचार्य हरिशंकर दुबे, अरुण शुक्ल, मदन कुमार श्रीवास्तव, लखन रजक, विवेक शैलार , अमर सिंह वर्मा, भावना दीक्षित, राजकुमारी रैकवार राज, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, कविता राय, सलमा जमाल , डॉ शिवशरण श्रीवास्तव ' अमल' आदि उपस्थित रहे।

52 वर्षों से रचित कविताओं का संकलन, तब मै कविता लिखता हूँ, पुस्तक का हुआ विमोचन

*पहली कविता कवि गिरीश की दिवंगत माँ पर केन्द्रित है, लालटेन युग से एलईडी लाइट तक का सफर*


अनूपपुर

कवि एवं लेखक गिरीश पटेल द्वारा लिखित कविता संग्रह 'तब मै कविता लिखता हूँ' पुस्तक का विमोचन धनश्री पैलेस अनूपपुर में संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रमुख रूप से हिन्दी के प्रख्यात कवि, कहानीकार, आलोचक और लेखक उपस्थिति थे। कवि गिरीश पटेल के कविता संग्रह "तब मैं कविता लिखता हूँ" के विमोचन समारोह की अध्यक्षता प्रगतिशील लेखक संघ के प्रिय साथी सत्यम सत्येंद्र पाण्डेय सत्यम सागर ने की और मुख्य अतिथि के रूप में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. मुरली मनोहर सिंह उपस्थित हुए। शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ गंगाधर ढोके और गांधीवादी चिंतक संतोष कुमार द्विवेदी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। संचालन प्रगतिशील लेखक संघ के संभागीय संयोजक विजेंद्र सोनी और नामचीन शायर दीपक अग्रवाल ने किया।

कवि गिरीश की किताब और वर्तमान सामाजिक राजनीतिक परिदृश्य में कविता की उपस्थिति पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। शहडोल संभाग के तीनों जिलों से बड़ी संख्या में कवि, लेखक, पत्रकार और प्रबुद्ध नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा और सार्थकता प्रदान की। इसमें शहडोल से डॉक्टर जी डी सिंह और डॉक्टर बी पी पटेल की उपस्थिति उल्लेखनीय है। बिलासपुर से कवि तापस हाजरा, उमरिया से प्रसिद्ध नवगीतकार राजकुमार महोबिया, भूपेंद्र त्रिपाठी पाली से युवा शायर आयुष सोनी, शहडोल से मिथिलेश राय, विजय उपाध्याय, विजय नामदेव, सुश्री गोपी नवीन शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार रामावतार गुप्ता, कोतमा से शायर यासीन खान यासीन, अविनाश अग्रवाल, अमरेंद्र सिंह मौजूद रहे। अनूपपुर से सुधा शर्मा، डॉ.नीरज श्रीवास्तव, रामनारायण पांडे, मीना सिंह, पवन छिब्बर, श्रुति शिवहरे, संतोष सोनी, दीपक अग्रवाल एवं अन्य कवियों ने शिरकत की। 

कार्यक्रम का सफल संचालन विजेंद्र सोनी ने और दीपक अग्रवाल ने किया। अतिथियों का स्वागत चंद्रकांत पटेल एवं आभार प्रदर्शन नितिन पटेल ने किया। इस कार्यक्रम में पुस्तक में अंकित उदय प्रकाश, गौहर राजा, सेवाराम त्रिपाठी इत्यादि के संदेशों का वाचन पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष जिवेन्द्र सिंह, सहित, एडवोकेट बासुदेव चटर्जी व अन्य लोगों ने किया। पत्रकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही, उन्हें भी सम्मानित किया गया ।

कवि एवं लेखक के पिछले 52 वर्षों से रचित कविताओं का संकलन पुस्तक में देखने को मिलता है। पुस्तक में इनकी पहली कविता अपने दिवंगत माँ पर केन्द्रित है। कवि ने 52 वर्षों में लालटेन युग से एलईडी लाइट की चकाचौंध तक का सफर तय करते हुए अनेक प्रकार के उतार-चढाव को काफी करीबी से देखा है। कवि प्रौढ़ शिक्षा से लेकर आन लाइन स्टडी तक से स्बरु है। प्रकृति को बहुत नजदीक से देखा और समझा है जो कि कविता संग्रह में स्पष्ट रूप से झलकता है।

रचनाओं की गहराईयां अथाह है, कल्पनाओं से ज्यादा हकीकत को दर्शाती है, समाज, देश और वैश्विक माहौल को कविता में दर्शाया गया है, जिसमें प्रगतिशील सोच झलकती है, शिक्षा को बढावा देती है। कविता संग्रह में बियाबान जंगलों से लेकर कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका तक की विदेश यात्राएँ भी समाहित है। कविताओं की भाषा एकदम सहज, सरल, गागर मे सागर समा देने वाली हृदय स्पर्शी है। इस पुस्तक से साहित्यक गतिविधियों में संचार होगा, नई पीढी के छालों और युवाओं के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी।

आपकी कृति समाजिक विरासत को संजोए रखने में लंबे समय तक योगदान देगी, अनेकों प्रतिभाओं की कलाओं को निखारने में पथ प्रर्दशक का कार्य करेगी। इस संकलन की कविताओं में तुकांत, अतुकांत, छायावादी और नई कविताएँ तो है ही इसके साथ ही व्यंग्यात्मक कविताओं का भी समावेश है। साथ ही इसमें उनके 16 गीत भी शामिल है। यह पुस्तक वैदिक प्रकाशन हरिद्वार के द्वारा प्रकाशित की गई है। यह पुस्तक आम पुस्तकों की तुलना में लंबाई और चौड़ाई में बड़ी है तथा सजिल्द है। इस पुस्तक के आवरण की पेंटिंग स्मिता सक्सेना के द्वारा की गई है। इस पुस्तक में 193 पृष्ठ हैं तथा इसके अक्षर आम पुस्तकों के अक्षरों के बनिस्बत ज्यादा बड़े है। ताकि आसानी से पढ़ा जा सके। 

सशक्त हस्ताक्षर संस्था का वार्षिकोत्सव का समारोह 11 मई को


जबलपुर 

साहित्य, समाज, संस्कृति के पथ पर गतिशील संस्था सशक्त हस्ताक्षर का तृतीय वार्षिकोत्सव दिनांक 11 मई 2025 कलाविथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय भंवरलाल गार्डन के पास दोपहर 02.00 बजे से आयोजित होगा।

वार्षिकोत्सव समारोह के मुख्य अतिथि जगतबहादुर सिंह ' अन्नू' , अध्यक्षता रिकुंज विज ' रिंकू' , परमाध्यक्ष आचार्य डॉ हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि -  रत्ना श्रीवास्तव, आनंद ज्योति पाठक, प्रदीप कुमार जानी, उमेश साहू 'ओज' ,  सारस्वत अतिथि राजेश पाठक प्रवीण, मंगल भाव - विजय तिवारी 'किसलय' ,  अरुण शुक्ल है।

संस्था के संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी ने बताया कि प्रथम चरण में विराट कवि संगम काव्योत्सव द्वितीय चरण में उद्बबोधन, अलंकरण व कृति विमोचन सशक्त हस्ताक्षर स्मारिका का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। 

संस्था के सलाहकार कवि संगम त्रिपाठी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि वार्षिकोत्सव को भव्य बनाने में संस्था के अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष डॉ मुकुल तिवारी, सचिव गुलजारी लाल जैन, सहसचिव तरुणा खरे 'तनु' , संगठन सचिव अखिल खरे ' अखिल' , कवयित्री सिद्धेश्वरी सराफ ' शीलू' , लखन रजक, आशा मालवीय, योगेन्द्र मालवीय, इन्द्र सिंह राजपूत इन्द्राना, अमर सिंह वर्मा, विवेक शैलार, प्रकाश सिंह ठाकुर, पंडित दीनदयाल तिवारी ' बेताल', भावना दीक्षित कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर रहे हैं।

गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी ने बताया कि प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संयोजन में पाथेय, कादम्बरी, वर्तिका, त्रिवेणी परिषद, गुंजन कला सदन, हिन्दी सेवी महासंघ , गूंज, मित्रसंघ, मिलन, जागरण साहित्य समिति, राष्ट्रीय कवि संगम, अखिल भारतीय बुन्देली साहित्य संस्कृति परिषद, साहित्य संगम, अनेकांत, मध्यप्रदेश लेखिका संघ, विविधा कला सांस्कृतिक अकादमी, मंथन श्री, संस्कार भारती, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, सुप्रभातम, मध्यप्रदेश आंचलिक साहित्यकार परिषदव्यंगम्, श्री जानकीरमण महाविद्यालय, नमस्ते पहल, अभिव्यक्ति सिहोरा, अखिल भारतीय हिन्दी सेवा समिति, आभा साहित्य संघ ने कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है

छंद साधिका योगिता चौरसिया वर्तिका को मिला काव्य शिखर अलंकरण सम्मान


जबलपुर

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील वर्तिका साहित्यिक, सांस्कृतिक ,समाजिक संस्था द्वारा  रानी दुर्गावती संग्रहालय कला वीथिका   सभागार जबलपुर में आयोजित भव्य समारोह में मंडला की कवयित्री ,छंद साधिका श्रीमती योगिता चौरसिया प्रेमाश्री को उनके सृजनात्मक, रचनात्मक समाजोन्मुखी  अवदान के परिप्रेक्ष्य में स्व.सिद्धनाथ सहाय वर्तिका काव्य शिरोमणि अलंकरण से सम्मानित किया गया।यह सम्मान प्रज्ञा पीठाधीश्वर विभानंद गिरी नई दिल्ली के सानिध्य में समारोह के मुख्य अतिथि, वरिष्ठ अधिवक्ता उमाकांत शर्मा, अध्यक्षता कर रहे महाकवि आचार्य भगवत दुबे के साथ विजय नेमा अनुज,सतीश श्रीवास्तव एवं अशोक मनोध्या ने प्रदान किया । वर्तिका के अध्यक्ष राजेश पाठक प्रवीण ने योगिता चौरसिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण परिवेश में रहते हुए योगिता चौरसिया ने राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि अर्जित की है। उनकी  काव्यकृति  छंद कलश को मध्य प्रदेश शासन संस्कृति मंत्रालय द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी स्मृति अखिल भारतीय स्तर के एक लाख  रुपये के सम्मान के लिए भी चयनित किया गया। वर्तिका के  समारोह  में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित थे, जिन्होंने योगिता के सृजन की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने योगिता चौरसिया को बधाई दी है और कहा कि आपको वर्तिका काव्य शिखर अलंकरण से सम्मानित किया जाना हमारे लिए गौरव की बात है। योगिता चौरसिया प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार मंडल में शामिल हैं और हिंदी प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान कर रही है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक ने कृष्ण पाठक को दिया हिंदी सेवी सम्मान


बिलासपुर

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने केवल कृष्ण पाठक को हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किया। सदन में राकेश कुमार खरे अध्यक्ष संकेत साहित्य समिति बिलासपुर छत्तीसगढ़ व राष्ट्रीय सलाहकार प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा, वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र कुमार शुक्ला ' अविचल ' , कमलेश पाठक उपस्थित रहे।

कवि संगम त्रिपाठी ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि केवल कृष्ण पाठक हिन्दी के सशक्त रचनाकार हैं व हम सभी के मार्गदर्शक हैं। कवि संगम त्रिपाठी ने केवल कृष्ण पाठक को श्याम की गीतिकाएं कृति भेंट की। श्याम की गीतिकाएं में केवल कृष्ण पाठक ने मंगल भाव लिखें है। इस अवसर पर पहलगाम की घटना पर परिचर्चा की गई व सम सामयिक विषय पर काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। इस सभा की अध्यक्षता कमलेश पाठक ने की व आभार राकेश खरे ने अभिव्यक्त किया।

रामायण के वैश्विक स्तर पर प्रचार -प्रसार हेतु जबलपुर में रामायण केंद्र की हुई स्थापना


जबलपुर    

डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव निदेशक,  रामायण केंद्र भोपाल के सफल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में सनातन धर्म के प्राण स्वरूप महान धार्मिक ग्रंथ श्री रामचरितमानस एवं वाल्मीकि रामायण के वैश्विक स्तर पर प्रचार -प्रसार हेतु जबलपुर में रामायण केंद्र की स्थापना की गई है। यह केंद्र वस्तुतः भोपाल स्थित रामायण केंद्र से सम्बद्ध है। विगत दिवस गौरीघाट रोड स्थित वैशाली परिसर में आयोजित किये गए एक भव्य समारोह में इस  रामायण केंद्र के उद्घाटन की घोषणा के साथ-साथ वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति के महान धार्मिक ग्रंथ रामायण की उपयोगिता और इसकी आवश्यकता के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।  रामायण केंद्र जबलपुर के जिला संयोजक संतोष मिश्रा ने अवगत कराया कि भोपाल केंद्र से प्राप्त हुए अनुमोदन के अनुसार इस केंद्र के संचालन हेतु डॉक्टर विजेंद्र उपाध्याय जी को इस केंद्र के जिला अध्यक्ष एवं डॉक्टर विवेक चंद्रा जी को जिला मंत्री नियुक्त किया गया है। ज्ञात हो कि जबलपुर में वर्तमान में विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठन कार्यरत हैं जिन्हें एक छत्र के नीचे लाने एवं मार्गदर्शन समाज में फैली अंधविश्वास तथा कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य को लेकर इस केंद्र की स्थापना की गई है। वैशाली परिसर में आयोजित किये गए कार्यक्रम के दौरान रामायण केंद्र जबलपुर के जिला संयोजक संतोष मिश्रा ने यह सार्वजनिक तौर पर अपील किया है कि पूरे जबलपुर शहर के सनातन धर्म परिवार के सभी संगठन इससे जुड़े और अपने महान संस्कृति और गौरव को पुनर्स्थापित करने में अपना-अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। 

कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि संतोष कुमार मिश्र 'असाधू'  जबलपुर रामचरितमानस में सात सोपान पर व्याख्यान दिया है और शोध पत्र भी राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में प्रस्तुत किया है।

महामहोपाध्याय आचार्य हरिशंकर दुबे को किताबें की भेंट की- कवि संगम त्रिपाठी 


जबलपुर

महामहोपाध्याय आचार्य हरिशंकर दुबे जी को श्याम फतनपुरी की दो किताबें श्याम की मधुशाला व श्याम की गीतिकाएं कवि संगम त्रिपाठी ने भेंट की। दोनों कृतियों में महामहोपाध्याय आचार्य हरिशंकर दुबे जी ने अपनी लेखनी से मंगल भाव अभिव्यक्त किएं है। श्याम फतनपुरी प्रयागराज के सिद्धहस्त कवि है व अनेकों सम्मानों से सम्मानित किये जा चुके हैं। श्याम फतनपुरी ने श्याम की मधुशाला व श्याम की गीतिकाएं बड़े मनोभाव से छन्दबद्ध गेय काव्य विधा में लिखी है। इस अवसर पर कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के साथ गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संस्थापक सशक्त हस्ताक्षर संस्था उपस्थित रहे।

रीवा समाजसेवियों ने श्रद्धांजलि व इस्लामिक आतंकवाद का पुतला दहन कर जताया विरोध


रीवा

रीवा शहर के सिरमौर चौक में रीवा के विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कश्मीर के पहलगाम में हुए इस्लामिक आतंकी हमले में अब तक 27 पर्यटकों की जान जा चुकी है और दो दर्जन से अधिक घायल हैं। घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना व मृतक पर्यटकों के लिए श्रद्धांजलि प्रार्थना सभा का आयोजन  किया गया इस सदी का यह सबसे वीभत्स कायराना हमला है।

इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा और रीवा शहर की जनता के साथ इस्लामिक आतंकवाद के घिनौने स्वरूप का पुतला दहन शहर के बीचों बीच सिरमौर चौक में किया गया। इस दौरान jnct प्राचार्य 

मिहिर पांडेय, सोमिल तिवारी, सुधीर तिवारी, बजरंग दल जिला सह संयोजक पंडित बालकृष्ण द्विवेदी, डॉक्टर विकास श्रीवास्तव, कलुआ साकेत, जितेंद्र तिवारी, वरुण मिश्रा, नीरज तिवारी, विपिन पांडे, संचित द्विवेदी, राजराखन पटेल, इंजीनियर देवेंद्र सिंह, मनु शुक्ला, अर्पित शुक्ला ऋषभ तिवारी, अंकित तिवारी ,डॉ.शिवम पटेल वीरेंद्र पाण्डेय रोहित गुप्ता,मनोज बंसल, बंशीधर  साहू, प्रताप यादव,सुधाकर पाण्डेय उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संयोजन अवनीश तिवारी द्वारा किया गया ।

सशक्त हस्ताक्षर की सशक्त 35 वीं काव्य गोष्ठी संपन्न - कवि संगम त्रिपाठी 


जबलपुर

सशक्त हस्ताक्षर की 35 वीं काव्य गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में सानंद सम्पन्न हुई। संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने अपनी वाणी से सभी अतिथियों ,कवि-कवयित्रियों का आत्मीय स्वागत किया। अतिथियों द्वारा माँ वीणा पाणि का पूजन होने के बाद सरस्वती वंदन आकाशवाणी में कम्पेयर लखन रजक ने की ၊

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ और ख्यातिलब्ध शायर सोहन परोहा सलिल जी, अध्यक्षता महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ समाजसेवक एड. राजीव लाल श्रीवास्तव, सारस्वत अतिथि राजेश पाठक प्रवीण,मंगलभाव, पत्रकार,सशक्त हस्ताक्षर के सलाहकार,कवि संगम त्रिपाठी व मदन श्रीवास्तव वरिष्ठ साहित्यकार अध्यक्ष सशक्त हस्ताक्षर की गरिमामय उपस्थिति रही।  इस अवसर पर एड. राजीव लाल श्रीवास्तव को शाल,कलमश्री,मानपत्र,पुष्प माल से सम्मानित किया गया।

काव्य गोष्ठी में भावों के अनेक रंग बिखरे ၊ गोष्ठी की शुरुआत सिहोरा से पधारे शिक्षक इन्द्रसिंह राजपूत ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। महासचिव गुलजारी जैन ने समसामयिक घटना पर झकझोर देने वाली, अपना आक्रोश प्रगट करने वाली,व्यथा रचना के माध्यम से प्रकट की। बुंदेली-हिन्दी के सशक्त हस्ताक्षर  लखन रजक, ज्योति प्यासी, अरुण शुक्ल,प्रकाश सिंह ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति से खूब तालियाँ बटोरी। कवि संगम त्रिपाठी, बुंदेली के प्रसिद्ध,म. प्र. साहित्य अकादमी से पुरुस्कृत पं. दीनदयाल तिवारी बेताल,वीर श्रीवास्तव,डॉ. रश्मि श्रीवास्तव,प्रभा बच्चन श्रीवास्तव ने शानदार गज़ल पढ़ी। संस्कारधानी के प्रसिद्ध शायर सुरेश दर्पण को सबने खूब सराहा ၊ अमर सिंह वर्मा, सिहोरा  से पधारे शिक्षक नारायण तिवारी ने भाव भरी गज़लें पढ़ी। बच्चन श्रीवास्तव, अनूप पाण्डे, सुमित्रा सेन, संदीप खरे युवराज ने सियासत पर व्यंग्यात्मक रचना पढ़ गोष्ठी को ऊँचाईयाँ दी। मंचस्थ अतिथियों ने भी एक से बढ़कर रचनाएँ पढ़कर सदन को चकित कर दिया। रमाकांत गौतम की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ၊ संचालन प्यासाजी एवं आभार प्रदर्शन सह सचिव बुंदेली हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री तरुणा खरे ने किया।

श्रद्धांजलि अर्पित कर, सशक्त हस्ताक्षर की बैठक संपन्न 


जबलपुर     

सशक्त हस्ताक्षर संस्था जबलपुर ने दिनांक 14. 04.2025 को होटल जश्न में शाम 05.00 बजे बैठक आयोजित की। बैठक में गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, कवि संगम त्रिपाठी, सिद्धेश्वरी सराफ शीलू, लखन लाल रजक, जी. एल. जैन, आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' , आशा मालवीय, योगेन्द्र मालवीय, मदन श्रीवास्तव, इन्द्र सिंह राजपूत, अमर वर्मा, विवेक शैलार, भावना दीक्षित प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।

सशक्त हस्ताक्षर संस्था की इस बैठक में 11 मई 2025 को कला विथिका में दोपहर 02.00 बजे से  वार्षिकोत्सव आयोजित की गई है उसी संदर्भ में चर्चा की गई व रुपरेखा निर्धारण किया गया। बैठक में प्रमुख कवि कवयित्रियों ने रचना पाठ किया व अंत में सशक्त हस्ताक्षर के पदाधिकारी व युवा कवि अम्लान गुहा नियोगी के पिता कल्याण गुहा नियोगी जिनका कि आकस्मिक निधन 13.04.2025 को हो गया है उन्हें उपस्थित लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

ख्वाबों की सजती बारातें तुम्हें बुलातीं हैं, बिना नींद वाली ये रातें तुम्हें बुलातीं हैं।


*बिना नींद वाली रातें*


ख्वाबों की सजती बारातें तुम्हें बुलातीं हैं।

बिना नींद वाली ये रातें तुम्हें बुलातीं हैं।


अमलतास के संग पलाश ने 

पथ में स्वागत द्वार बनाए,

अमराई ने नये बौर से 

राहों में कालीन बिछाए।


ऋतु बसंत की ये सौगातें तुम्हें बुलाती है।


चांद उगेगा ना जाने कब 

यहां चांदनी तरस रही है,

विरहिन बदली के नैनों से 

याद किसी की बरस रही है।


अनगिन अश्कों की बरसातें तुम्हें बुलातीं हैं।


कुछ पल को सो जातीं आंखें 

तुम सपनों में आ जाते हो,

पलकों के खुलते ही जाने 

कितनी दूर चले जाते हो।


प्यार भरी शर्मीली बातें तुम्हें बुलातीं हैं।

बिना नींद वाली ये रातें तुम्हें बुलातीं हैं।


गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर मध्यप्रदेश।

मैंने मांगा वो तूने दिया है, तूने बाहों में भर कर उठाया, मुझको हर पल दिया सहारा


 *मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है*

 

मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मुझको अपनों ने जब जब गिराया,

तूने बाहों में भर कर उठाया।

मुझको हर पल सहारा दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


जब तुम्हारी शरण में मैं आया

तुमने उजड़ा मेरा घर बसाया।

मेरे मधुबन को महका दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मैं तो मन से करूं तेरी पूजा,

तेरे जैसा नहीं कोई दूजा

जो न मांगा था वो भी दिया है।

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


ध्यान जब-जब किया मैंने तेरा,

दूर संकट किया तूने मेरा ।

मेरे हर कष्ट को हर लिया है ।

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


तेरे बिन अब नहीं कोई मेरा,

मेरे दिल में है तेरा बसेरा ।

तूने सपने में दर्शन दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है ।


मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।

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गीतकार -अनिल भारद्वाज

 एडवोकेट, ग्वालियर

वैश्विक अध्यात्म-पटल पर जबलपुर का नाम गौरवान्वित संतोष मिश्र "असाधु " सम्मानित


जबलपुर

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर मुख्यालय में  जनरल मैनेजर के पद पर पदस्थ तथा प्रसिद्ध धार्मिक चिंतक, प्रगतिशील लेखक एवं  आध्यात्मिक विषयों के विशेषज्ञ संतोष कुमार मिश्र "असाधु" द्वारा " समुद्र लांघने हेतु केवल हनुमान जी ही सक्षम क्यों " विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया जिसे श्री राम चरित भवन , ह्यूस्टन (अमेरिका ) द्वारा दिनांक 02 से 05 अप्रैल 2025 तक आयोजित हुए चार-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भव्य कार्यक्रम में सात जजों की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से " सर्वोत्कृष्ट शोध पेपर  "  की  घोषणा करते हुए रुपए 5100/- का कैश अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।

संतोष कुमार मिश्र "असाधु" द्वारा उक्त विषय पर अपना व्याख्यान भी दिया गया।  इस शोध पत्र में यह गूढ़ रहस्य भी उद्घाटित किया गया कि जिस सागर को देवताओं और असुरों ने मिलकर तथा अपने अथक परिश्रम से कई दिनों तक समुद्र मंथन कर के अमृत तत्व हासिल किया, उसी अमृत तत्व को  हनुमान जी ने अपने बल, बुद्धि एवं विवेक के द्वारा अकेले ही खोज निकाला। 

मात्र 100 योजन लम्बाई वाले उस समुद्र को जामवंत, अंगद, नील और द्विविद जैसे महाबलशाली वानर और रीछ आखिरकार पार करने में अपनें आप को क्यों नहीं सक्षम पा रहे हैं, इस संबंध में श्री मिश्र जी द्वारा की गई सूक्ष्म विवेचना एवं उनके समर्थन में प्रस्तुत किये गये वैज्ञानिक तथ्यों  के अभूतपूर्व ,अत्यंत रोचक, गूढ़ और प्रामाणिकता पूर्ण होने के कारण उक्त अधिवेशन में उपस्थित विद्वतजनों द्वारा इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा और सराहना की गई।

ज्ञातव्य हो कि विगत दिनों ओरछा तथा भोपाल में भी वृहद अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजित हुए कार्यक्रम जिसमें विदेश के साथ-साथ इस देश के विभिन्न भागों से तथा प्रतिष्ठित  विद्वानों , शोधार्थी और जनप्रतिनिधि भारी संख्या में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर अपनी-अपनी प्रतिभागिता दर्ज कराई गई थी, उक्त दोनों कार्यक्रमों में संतोष कुमार मिश्र "असाधु" द्वारा वैश्विक स्तर पर जबलपुर का नाम गौरवान्वित किया गया था ।

इस कार्यक्रम का यू ट्यूब चैनल के माध्यम से देश-विदेश में सीधा प्रसारण किया गया जिसमें कई प्रसिद्ध धार्मिक , सामाजिक तथा मूर्धन्य विद्वानों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति एवं प्रतिभागिता दर्ज कराई गई । डॉ ओम गुप्ता जी के निर्देशन में यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ ।

संतोष कुमार मिश्रा "असाधु" द्वारा प्रस्तुत यह शोध-पत्र उनके रामायण विषय पर सतत गहन अध्ययन और समाज में व्याप्त विभिन्न संशयों के निर्मूलन के उद्देश्य के साथ-साथ इस विश्व में धार्मिक जागरण एवं आपसी समन्वय स्थापित करने के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया। 

ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व भी संतोष मिश्र को रामायण विषय पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजित हुए अनेक कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाता रहा है। इस सम्मान से जबलपुर नगर का नाम पुनः अंतर्राष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित हुआ है। इस उपलब्धि पर श्री मिश्र को उनके मित्र,विभाग के सहकर्मियों , शुभचिंतकों तथा अन्य साहित्यिक तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दी गई है। कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने बधाई दी व कहा कि यह संस्कारधानी जबलपुर के लिए गौरव का विषय है।

स्वप्न हुआ साकार राम मंदिर में आए राम, तीनों लोकों सा मनमोहक बना अयोध्या धाम


*श्रीराम नवमी*

   *राम मंदिर में आए राम*


स्वप्न हुआ साकार राम मंदिर में आए राम।

तीनों लोकों सा मनमोहक बना अयोध्या धाम

अयोध्या आए मेरे राम।


सरयू की लहरें लव कुश की तरह गुनगुनाती हैं।

बाग-बगीचों में खुशबू रामायण की आतीं हैं,


हनुमत लखन भरत शत्रु चारों प्रहरों के नाम,

सूर्योदय हैं राम यहां सीता जी जैसी शाम।

अयोध्या आए मेरे राम।


श्रुति मांडवी उर्मिला जैसा रूप अलौकिक लगता,

शीर्ष राम मंदिर दशरथ के राजमुकुट सा लगता।


कौशल्या कैकई सुमित्रा की ममता का धाम।

मनोकामना होगी पूरी चलो अयोध्या धाम।

अयोध्या आए मेरे राम।


दीवारों के चित्रों को नजरें छू कर आतीं हैं,

मन के कानों में तुलसी की चौपाई गातीं हैं।


घर लौटे पुष्पक से मर्यादा पुरुषोत्तम राम,

रामलला की जन्मभूमि भी बोले जय श्रीराम।

अयोध्या आए मेरे राम।


*गीतकार-अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर*

 पुत्र ने पिता के लिए हाई कोर्ट में की पैरवी, 11 साल बाद  पुलिस आरक्षक को मिली पुनः नौकरी

*न्याय मिलने के बाद पांडे परिवार में लौटी खुशियां*


अनूपपुर

सन 2013 में पुलिस विभाग के उमरिया थाना में आरक्षक पद पर पदस्थ अनूपपुर जिले के जमुना कॉलरी निवासी मिथिलेश पांडे को आय से अधिक संपत्ति के मामले में विभागीय जांच के उपरांत पुलिस विभाग ने उन्हें सेवा से पृथक कर दिया था इसके बाद आरक्षक मिथिलेश पांडे अपना पक्ष पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष रखते रहे लेकिन उनके पक्ष को दरकिनार कर दिया गया,  दिसंबर 2013 में ही आरक्षक मिथिलेश पांडे ने पद से पृथक किए गए मामले को लेकर हाई कोर्ट जबलपुर का दरवाजा खटखटाया जहां पर उन्होंने अपील दायर करते हुए न्याय की मांग की।

 हाई कोर्ट में मामला लगने के बाद पुलिस विभाग को हाई कोर्ट से आदेश भी जारी किए गए लेकिन उस आदेश से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और निरंतर मामला चलता रहा। सन 2024 में पुलिस आरक्षक मिथिलेश पांडे के पुत्र अभिषेक पांडे वकालत की डिग्री हासिल करने के पश्चात जबलपुर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस प्रारंभ की और इसके साथ ही सर्वप्रथम उन्होंने अपने पिता मिथिलेश पांडे का केस हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति माननीय संजय द्विवेदी के समक्ष प्रस्तुत किया   जिसे न्यायमूर्ति ने स्वीकार किया अधिवक्ता  अभिषेक पांडे ने अपने पिता के खिलाफ लगे तमाम आरोपों को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति  के समक्ष जिरह के बाद आदेश को निरस्त करने में सफलता हासिल की। 17/5 /2024 को आरक्षक मिथिलेश पांडे क़ो  नौकरी पर वापस रखने हेतु न्यायमूर्ति माननीय संजय द्विवेदी की बेंच के द्वारा आदेश दिया गया इसके बाद अनूपपुर पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुनः सेवा में बहाल किया गया। 5 अप्रैल 2025 को आरक्षक मिथिलेश पांडे अनूपपुर में अपनी उपस्थित दर्ज कराई है। 11 साल की लड़ाई के बाद पुत्र ने पिता को जीत दिलाई और पांडे परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौट कर आई। इस अवसर पर आरक्षक मिथिलेश पांडे को उनके निवास पहुंचकर स्थानीय लोगों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

 *नवरात्रि*


दुर्गे मां की महिमा


मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।

तेरी महिमा सबसे न्यारी तू ही करौली वारी।


नवरात्रि जब जब आती,

तेरी शिला मूर्ति बढ़ जाती।

भक्तों को दर्शन देने,

तू देहरी तक आ जाती।


मैया छोटी सी किवड़िया बंद न हो पाती तुम्हारी।

मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।


जितना भी जल चढ़ता है,

इक कुंड में समाता है,

ये इक बिलस्त भर का है,

जो कभी नहीं भरता है।


मैया हम तेरे पुजारी तू है कुलदेवी हमारी।

मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।


इस शिला रूप में माते,

तेरे नौ रूप समाते,

मनवान्छित फल तू देती,

जब करूं तेरे जगराते।


मैया छवि तेरी प्यारी तू ही राखे लाज हमारी। 

मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।


गीतकार- अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट 

ग्वालियर म.प्र.

श्रद्धा महिला मण्डल ने खोला प्याऊ, बांटे मीठा व फल


अनूपपुर

श्रद्धा महिला मण्डल के सौजन्य से जागृति महिला समिति की अध्यक्षा विनिता शर्मा एवं उनकी सहयोगियों द्वारा हसदेव क्षेत्र के राजनगर आर.ओ. उपक्षेत्र के अंतर्गत राजनगर बस स्टैंड में प्याऊ का उद्घाटन किया गया, जिससे लोगों को गर्मी में राहत मिले और पूरे गर्मी के मौसम तक लोगों को ठंडा पेय जल पीने को मिले। यह प्याऊ पूरे गर्मी के मौसम तक संचालित किया जाएगा । प्रथम दिवस में पेय जल के साथ पेय पदार्थ शिकंजी,जलजीरा, गुड चना, अंगूर, संतरा, तरबूज, शहतूत व नाश्ता पैकेट, लस्सी आदि का वितरण किया गया ।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जागृति महिला समिति की सरिता सिंह, उषा शर्मा, रजनी सिंह, पुष्पा नेताम, सुष्मिता मिश्रा, किरण मिश्रा, अस्मिता प्रधान, गरिमा द्विवेदी, रेखा कुमार आदि ने अपना बहुमूल्य समय व योगदान देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया ।

 Summary


*Anupama, our journey companion*

*Second edition - February 2025*



The second edition of Anupama, our journey companion, has been successfully published. This edition will feature interviews on fashion, literature, and various other creative writings, along with much more exciting content for you to enjoy. It features contributions from numerous writers from India and abroad. The publication offers advice on health, beauty, fashion, and yoga. This collection of writings by various authors presents a diverse range of perspectives and writing styles, making it an engaging read. The language is simple and accessible, allowing readers of all ages to easily understand and enjoy it."

"We request everyone to read this issue of Anupama, our journey companion, at least once. This initiative has been started by Sushi Saxena, a budding writer in the literary field, and has been supported by advisors Anupama, Dolly Jha, Prashant Shrivastava, Kanika Sharma and buddhi prakash sen. Their invaluable contributions have helped reach this milestone of success, and they have pledged to make it extremely popular. This magazine provides an opportunity for artists of all kinds, big or small, old or new, to showcase their writing skills and be honored with a certificate of appreciation. It offers a wide range of essential information in the form of literature for people of all classes. Additionally, it features various types of writings, including stories, poems, essays, memoirs, travelogues, career guidance, parenting tips, beauty tips, healthcare, book reviews, and more. This publication has been brought to you by Unique Feel Publications. 

 

*Sushi Saxena Indore, Madhya Pradesh*

आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' को हिन्दी सेवी सम्मान से किया गया सम्मानित


जबलपुर

प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी व सशक्त हस्ताक्षर संस्था के संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संयोजक हिंदी महाकुंभ ने दिनांक 28 मार्च 2025 को आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' को हिन्दी सेवी सम्मान प्रदान किया। आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' के सदन में कवि संगम त्रिपाठी व गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी ने सम्मानित किया। 

आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' संस्कारधानी जबलपुर के वरिष्ठ साहित्यकार है व विभिन्न संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनकी कृतियाँ किसलय के काव्य सुमन (काव्य संग्रह), किसलय मन अनुराग (दोहा कृति), किसलय के मन में आया (छांदस काव्य संग्रह), किसलय की आद्याक्षरी कवितायें प्रकाशित है, विभिन्न कृतियों एवं पत्रिकाओं का संपादन, अनेक सामूहिक काव्य, दोहा, कहानी, लघुकथा संग्रहों में प्रकाशन के साथ ही समाचार पत्रों में लगातार संपादकीय लेखों का प्रकाशन उनके द्वारा किए जा रहे हैं।

आचार्य विजय तिवारी 'किसलय' को स्थानीय व राष्ट्रस्तरीय विभिन्न संस्थाओं, संस्थानों व संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया हैं व उनकी निरंतर हिंदी के प्रचार-प्रसार की लगनशीलता प्रेरणादायक है।

नव सम्वत्सर बन आना, सभी मौसम, ऋतुओं को संग ले आना, प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना



 नव सम्वत्सर बन आना


सभी मौसम सभी ऋतुओं को संग ले आना।

प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना।

              

बन के सरसों के फूल यादें तेरी आतीं हैं।

मुझसे गेहूॅं की बालियों सी लिपट जातीं हैं।

अपनी यादों की पालकी में बैठ कर आना,

प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना।

       

जब भी आते थे तो फागुन की तरह आते थे,

गुलमोहर सी दहकती तड़प छोड़ जाते थे।

सुनहरे पल मिलन के अपने संग ले आना,

प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना।

           

याद आती है तेरे हाथों की बसंती छुअन,

विरह की तपती दुपहरी में झुलसता है बदन।

प्रीति की ठंडी-ठंडी छांव संग ले आना,

प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना।        


देखो इन मेरी बिना नींद वाली पलकें उठा,

प्यासे कजरारे नयन बन गये सावन की घटा।

झूमती गाती बहारों को संग ले आना,

प्रिये नव संवतसर बन के मेरे घर आना।

                   

गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर

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